सुप्रीम कोर्ट.
नीट-यूजी 2024 में हुई धांधली को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने NTA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 8 जुलाई को होगी. कोर्ट ने इस याचिका को भी मूल याचिका के साथ टैग कर दिया है. यह याचिका एक कोचिंग सेंटर की ओर से दायर की गई है. याचिका में OMR शीट उपलब्ध कराने की मांग की गई है.
कोचिंग सेंटर ने दायर की याचिका
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस मनोज मिश्रा ने याचिकाकर्ता के वकील आर बसंत से कहा कि यह याचिका एक कोचिंग सेंटर द्वारा अनुच्छेद 32 के तहत दायर की गई है. इसमें कौन सा मौलिक अधिकार शामिल है? याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि याचिका कुछ छात्रों की ओर से भी दायर की गई है. उन्होंने कहा कि हम बहुत से छात्रों को कोचिंग देते हैं और उनकी शिकायतों को सामने लाने की ज़रूरत है. याचिकाकर्ता के वकील ने सुनवाई के दौरान कहा कि व्यक्तिगत छात्रों को उनकी ओएमआर शीट की एक प्रति प्राप्त करने का अधिकार है और जिन्हें यह मिली है, वे देखते हैं कि यह निर्धारित बेंचमार्क के अनुरूप नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने दी थी चेतावनी
जिसपर NTA की ओर से पेश वकील ने कहा कि हम सभी उम्मीदवारों को ओएमआर शीट प्रदान करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा कि क्या ओएमआर शीट उपलब्ध कराने के लिए कोई समय सीमा है? इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NTA को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर 0.01% प्रतिशत भी किसी की खामी पाई गई, तो हम उससे सख्ती से निपटेंगे.
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एजेंसी को निष्पक्ष होना चाहिए- SC
कोर्ट ने कहा था कि ये छात्रों की मेहनत का सवाल है, हमें इसका एहसास है कि उन्होंने कैसे तैयारी की है. कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई फ्रॉड के जरिए डॉक्टर बन भी जाता है तो कल्पना की जा सकती है कि वो समाज और सिस्टम के लिए कितना बड़ा खतरा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि NTA छात्रों की शिकायत को नज़रअंदाज न करें या उसे अन्यथा न ले, अगर एग्जाम में वाकई कोई गलती हुई है तो उसे स्वीकार करें और उस पर एक्शन ले. एक एजेंसी से उम्मीद की जाती है कि वो निष्पक्ष नज़र आए.
-भारत एक्सप्रेस