मणिपुर।
Manipur Violence: मणिपुर के मोरेह में मंगलवार को उग्रवादियों ने एक पुलिस अधिकारी को मौत के घाट उतार दिया. यह घटना तब हुई जब मोरेह के एसडीपीओ चिंगथम आनंद शहर के पूर्वी मैदान में एक नवनिर्मित हेलीपैड का निरीक्षण कर रहे थे. गोली लगने के बाद एसडीपीओ को मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. पुलिस ने उग्रवादियों को पकड़ने के लिए अभियान शुरू कर दिया है.
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने जताया दुख
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वह आनंद की ‘नृशंस हत्या’ से दुखी हैं. बीरेन सिंह ने एक्स पर लिखा, “आज सुबह मोरेह पुलिस के ओसी, एसडीपीओ चिंगथम आनंद की निर्मम हत्या से बहुत दुखी हूं. लोगों की सेवा और सुरक्षा के प्रति उनका समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा. अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा.” पीटीआई के मुताबिक, कुछ दिन पहले मोरेह के लोगों ने इलाके से पुलिस बल को हटाने की मांग की थी.”
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नहीं थम रही हिंसा की आग
बता दें कि मणिपुर 3 मई से हिंसा की आग में जल रहा है. पहली बार चुराचांदपुर शहर में बड़े पैमाने पर हिंसा देखी गई थी. ये झड़पें आदिवासी समूहों द्वारा राज्य के आरक्षण मैट्रिक्स में प्रस्तावित बदलाव के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के आह्वान के बाद हुईं, जिसमें मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया गया था. हिंसा तेजी से पूरे राज्य में फैल गई. तब से राज्य में कम से कम 175 लोग मारे गए हैं और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. सैकड़ों घर जला दिए गए, व्यवसाय नष्ट हो गए, पढ़ाई प्रभावित हुई, पूजा स्थल जलकर राख हो गए और राज्य में महीनों से इंटरनेट पर पाबंदी है.
अधिकारियों ने कहा कि भीड़ ने पुलिस स्टेशनों और शस्त्रागारों से 5669 प्रकार के हथियार और लगभग 500,000 राउंड गोला-बारूद लूट लिया. अक्टूबर के पहले सप्ताह तक उनमें से केवल 1300 के आसपास ही बरामद किया गया था. इसको लेकर देशभर में राजनीति भी खूब हो रही है.
-भारत एक्सप्रेस