
गोधरा में इसी ट्रेन में आग लगाई गई थी (फोटो सोशल मीडिया)
गुजरात में साल 2002 में हुए गोधरा कांड के 14 गवाहों की सिक्योरिटी को वापस ले लिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद गवाहों की सुरक्षा में लगे सीआईएसएफ के 150 जवानों को वापस बुला लिया गया है.
एसआईटी ने किया था रिकमेंड
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एसआईटी की रिकमेंडेशन रिपोर्ट के आधार पर गवाहों की सिक्योरिटी हटाने का फैसला लिया है. एसआईटी ने गवाहों की सुरक्षा को हटाने के लिए 10 नवंबर, 2023 को एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी थी.
इन गवाहों की हटाई गई सुरक्षा
नजीमभाई सत्तार भाई
माजिदभाई शेख यानुश महामद
हाजी मयुद्दीन
समसुद्दीन फरीदाबानू
रजकभाई अख्तर हुसैन
मदीना बीबी मुस्तफा
भाईलालभाई चंदूभाई राठवा
समदुद्दीन मुस्तफा इस्माइल
हबीब रसूल सय्यद
अमीनाबेन हबीब रसूल सय्यद
अकीलाबेन यासीनमिन
सैय्यद यूसुफ भाई
अब्दुलभाई मरियम अप्पा
याकूब भाई नूरान निशार.
क्या है मामला ?
गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों से भरी साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी में आग लगा दी गई थी, जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई थी.इस घटना के बाद बड़े पैमाने पर दंगे हुए थे. इन दंगों को रोकने के लिए केंद्र सरकार को सेना उतारनी पड़ी थी.
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-भारत एक्सप्रेस
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