दिल्ली हाईकोर्ट.
दिल्ली हाईकोर्ट ने श्रद्धा वाकर हत्याकांड मामले में सुनवाई कर रही साकेत कोर्ट को तारीख तय करने का निर्देश देने के मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है. आरोपी आफताब अमीन पूनावाला ने आरोप लगाया था कि मुकदमे में जल्दबाजी के कारण उनके साथ पक्षपात हो रहा है.
पूनावाला के वकील ने हाईकोर्ट से आग्रह किया कि निचली अदालत को मुख्य बचाव पक्ष के वकील की मौजूदगी में ही महत्वपूर्ण गवाहों के बयान दर्ज करने एवं उससे जिरह की तैयारी के लिए उन्हें पर्याप्त समय देने का निर्देश दिया जाए. महीने में 10 दिनों तक चली दिन भर की सुनवाई करने की वजह से उन्हें गवाहों के बयान दर्ज करने के समय शामिल मौजूद रहने का अवसर नहीं मिला.
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने कहा कि पेशेवर असुविधा मुकदमे में देरी का आधार नहीं हो सकता है. यह सराहनीय भी है कि निचली अदालत कार्यभार होने के बावजूद एक महीने में 10 दिनों की सुनवाई की. उन्होंने कहा कि आप निचली अदालत की सुविधा के अनुसार समायोजित करें. वह अदालत आपकी सुविधा के अनुसार अपने को समायोजित नहीं करेगी.
आम तौर पर वे निचली अदालत पर दबाव देखें. यह ऐसा मामला है जहां वे सही गति से मामला आगे बढ़ रहा है. लेकिन आप चाहते हैं कि वे आपकी डायरी के अनुसार अपनी डायरी समायोजित करें.
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-भारत एक्सप्रेस
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