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Srishti Rescue Operation: 300 फीट गहरे बोरवेल में फंसी सृष्टि हार गई जिंदगी की जंग, 52 घंटे बाद निकाल पाई थी रोबोटिक टीम

Srishti Rescue Operation: पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर फैसल खान ने बताया कि बच्ची की मृत्यु दम घुटने के कारण हुई है और उसकी मृत्यु करीब 40 घंटे पहले हुई थी.

shrishti rescue operation

बोरवेल में फंसी सृष्टि जिंदगी की जंग हारी

Srishti Rescue Operation: तीन दिनों की जद्दोजहद के बाद भी मध्य प्रदेश के सीहोर के मुंगावली में बोरवेल में फंसी सृष्टि को नहीं बचाया जा सका. करीब 300 फुट गहरे बोरवेल में गिरी ढाई साल की सृष्टि को गुरुवार को रेस्क्यू कर अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. नन्ही सी बच्ची को तीन दिन की कोशिशों के बाद रोबोटिक एक्सपर्ट टीम बोरवेल से बाहर निकाल पाई थी.

सीहोर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष तिवारी ने कहा कि हम बच्ची को नहीं बचा पाए. शव का पोस्टमॉर्टम डॉक्टर की दो टीमों द्वारा किया गया है. जिसका खेत है उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई करेंगे. वहीं SP मयंक अवस्थी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद धाराओं में इजाफा किया जाएगा. यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और वैधानिक नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा रही है. हमने खेत मालिक और बोर करने वाले के ख़िलाफ FIR दर्ज़ की है. हमने धारा 188, 308 और 304 के तहत मामला दर्ज़ किया है.

वहीं पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर फैसल खान ने बताया कि बच्ची की मृत्यु दम घुटने के कारण हुई है और उसकी मृत्यु करीब 40 घंटे पहले हुई थी. बता दें कि सृष्टि मंगलवार को दोपहर में करीब एक बजे बोरवेल में गिरी थी और तभी से उसे बचाने की कोशिश की जा रही थी.


बुधवार को भोपाल में पत्रकारों से बात करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ‘‘मंगलवार दोपहर करीब एक बजे सृष्टि नाम की बच्ची बोरवेल में गिर गई थी और तभी से उसे बचाने के प्रयास चल रहे हैं. शुरुआत में वह बोरवेल में करीब 40 फुट की गहराई में फंसी थी, लेकिन उसके बचाव अभियान में लगी मशीनों के कंपन के कारण, वह लगभग 100 फुट और नीचे खिसक गई, जिससे कार्य और कठिन हो गया है.’’

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सेना की एक टीम भी सृष्टि को बचाने में जुटी हुई थी जबकि एनडीआरएफ और एसडीईआरएफ की टीमें पहले से ही इस काम में जुटी थीं. 12 अर्थमूविंग और पोकलेन मशीनें भी बचाव अभियान में लगी हुई थीं लेकिन नन्ही सी बच्ची को तमाम कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका.

-भारत एक्सप्रेस

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