सुप्रीम कोर्ट.
Special Lok Adalat: देश भर की अदालतों में 5 करोड़ से अधिक मुकदमे लंबित हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट में 1 अप्रैल 2024 तक 80194 मुकदमें लंबित हैं. सुप्रीम कोर्ट में लंबित मुकदमों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष लोक अदालत का आयोजन किया गया. यह लोक अदालत 29 जुलाई से शुरू हुआ था और 3 अगस्त को खत्म हो गया. इस दौरान लगभग 1000 से अधिक मुकदमों का निपटारा किया गया, जिनमें सिविल मामले, वैवाहिक मामले, भूमि अधिग्रहण से संबंधित मामले शामिल हैं. समापन समारोह में मौजूद केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि यदि कोई विवाद सुलझा सकता है तो उसे सुलझा लेना चाहिए.
1065 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रमाण पत्र
विशेष लोक अदालत के समापन के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना काल के दौरान जिन बच्चों के माता-पिता दोनों की मौत हो गई थी. उनमें से 1065 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रमाण पत्र सौंपे. इन बच्चों को चार साल तक हर साल 45 हजार रुपये दिया जाएगा. इसमें कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा चयनित 425 उम्मीदवारों बच्चों को शामिल किया गया. वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि हमारे देश में प्रथम दृष्टया अदालत भगवान कृष्ण द्वारा आयोजित की गई थी. कौरवों और पांडवों के बीच विवाद हो गया था. दुर्योधन नहीं माना और मध्यस्थता नहीं हो सकी. यह हमारी संस्कृति में है कि हम विवादों को सुलझाने के लिए मध्यस्थता का उपयोग करते हैं.
क्या बोले सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़?
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एक टीम लीडर केवल उतना ही अच्छा हो सकता है, जितनी अच्छी टीम हो. सीजेआई ने कहा कि मैं वास्तव में महसूस करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट भले ही दिल्ली में है लेकिन यह पूरे भारत का सर्वोच्च न्यायालय है. सीजेआई ने कहा कि हमने पूरे देश से अधिकारियों को रजिस्ट्री में भर्ती किया है और वे पूरे भारत में जीवन और समाज के बारे में विविधता, समावेश और ज्ञान लाते हैं. सीजेआई ने यह भी बताया कि इस विशेष लोक अदालत को डिजाइन करने की कोशिश में हमें हर छोटे चरण में जबरदस्त सहयोग मिला. हमने सुनिश्चित किया कि प्रत्येक पैनल में दो जज और बार के दो सदस्य शामिल होंगे. एक वरिष्ठ वकील और एक SCAORA से वकील शामिल हुए.
-भारत एक्सप्रेस