अजित पवार और शरद पवार. (फाइल फोटो: IANS/X)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चुनाव चिह्न घड़ी से जुड़े विवाद पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुधवार (13 नवंबर) को मौखिक रूप से अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction) से कहा कि वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Election) के लिए अपने प्रचार सामग्री में शरद पवार (Sharad Pawar) की तस्वीरों, किसी भी ऑडियो और वीडियो का इस्तेमाल न करे.
अदालत ने कहा कि एनसीपी (अजित पवार) से कहा कि उन्हें अपनी अलग पहचान के आधार पर चुनाव लड़ना होगा. साथ ही कहा कि पार्टी को एक इलेक्ट्रॉनिक सर्कुलर जारी कर सभी उम्मीदवारों को सूचित करना चाहिए कि वे शरद पवार के वीडियो का इस्तेमाल न करें. सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट से यह भी जांच करने को कहा है कि उनके द्वारा प्रसारित किया गया शरद पवार का संदेश असली है या नहीं.
अपने पैरों पर खड़े हों
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ शरद पवार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें अजित पवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में घड़ी चुनाव चिह्न (Election Symbol Clock) का इस्तेमाल करने से रोकने की मांग की गई थी. इससे पहले न्यायालय ने अजित पवार को घड़ी के चुनाव चिह्न के बारे में समाचार पत्रों में अस्वीकरण (Disclaimer) प्रकाशित करने का निर्देश दिया था.
अजित पवार का पक्ष सुनते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, ‘चाहे यह पुराना वीडियो हो या नहीं, शरद पवार के साथ आपके वैचारिक मतभेद हैं और आप उनके खिलाफ लड़ रहे हैं, तो आपको अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश करनी चाहिए.’
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19 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
अदालत ने दोनों गुटों को मतदाताओं की समझ पर भरोसा रखने और चुनावी मैदान पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है. मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगा. हालांकि 20 नवंबर को महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव है.
अजित पवार गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील बलबीर सिंह ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक हिंदी, अंग्रेजी और मराठी के प्रमुख अखबारों में डिस्क्लेमर जारी किया गया है. इस पर एनसीपी शरद पवार गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश का मतदाताओं पर असर पड़ेगा.
अजित पवार गुट को दी थी नसीहत
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम इस गुमान में नहीं है कि हम मतदाताओं पर असर डाल सकते हैं. हम कानून के मुताबिक काम करते हैं. अजित पवार गुट की ओर से कोर्ट में पेश अखबारों में छपे डिस्क्लेमर को देखते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने मजाकिया अंदाज में कहा कि आपका एक डिस्क्लेमर डोनाल्ड ट्रंप की खबर के ठीक नीचे छपी है, जो काफी प्रभावशाली लग रहा है.
अदालत ने पिछली सुनवाई में अजित पवार गुट को नसीहत दी थी. कोर्ट ने दोनों गुटों से कहा था कि वे कोर्ट में अपना समय बर्बाद न करें, बल्कि चुनाव में जाकर वोटरों को लुभाएं. कोर्ट ने अजित पवार गुट से कहा था कि अखबारों में 36 घंटे के भीतर डिस्क्लेमर छपवाएं कि घड़ी चुनाव चिह्न का मामला कोर्ट में है.
-भारत एक्सप्रेस