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सुप्रीम कोर्ट ने जिम कॉर्बेट पार्क के कोर क्षेत्र में सफारी पर लगाई रोक

Bagh Safari Ban in Jim Corbett National Park: उत्तरखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को लेकर बड़ी खबर आ रही है. सुप्रीम कोर्ट ने बाघ सफारी पर रोक लगा दिया है.

Jim Corbett Park uttarakhand

जिम कॉबेट पार्क, उत्तराखंड

Bagh Safari Ban in Jim Corbett national Park: जिम कॉबेट पार्क नेशनल पार्क में बाघ सफारी पर बैन लगा दिया गया है. बुधवार, 6 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को लेकर दिए गए फैसले में कहा है कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि राष्ट्रीय वन्य जीव संरक्षण योजना, संरक्षित इलाकों से इतर जीव (वन्य) संरक्षण को बखूबी जानती है. सुप्रीम कोर्ट के इस अहम फैसले के बाद अब जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में सिर्फ बफर जोन में ही बाघ सफारी छूट मिलेगी.

कोर्ट ने हरक सिंह रावत को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण को लेकर उत्तराखंड सरकार के पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत को फटकार भी लगाया है. इसके अलावा तत्कालीन वन अधिकारी किश चंद को भी फटकार लगी है. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि बाघ जंगल की रक्षा करते हैं. इसके बिना जंगल नष्ट हो जाते हैं. ऐसे में बाघों को जंगलों पर अधिकार रहना चाहिए.

दोषियों हो नुकसान की भरपाई- कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने कहा है कि असंतुलित राजनीतिक-नौकरशाह की जोड़ी ने वन और पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाया है. प्रदेश को नुकसान का अनुमान लगाकर इकोसिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाले दोषियों से उसकी वसूली की जानी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में आगे कहा है कि आंकड़ों से पता चलता है कि बाघों के शिकार में काफी कमी आई है. इसके बावजूद जमीनी हकीकत को नकारा नहीं जा सकता. कोर्ट ने कहा है कि जिम कॉर्बेट में पेड़ों की अवैध कटाई से भी इनकार नहीं किया जा सकता है.

बताते चलें कि चंद्र प्रकाश गोयल, सुमित सिन्हा और एक अन्य शख्स को बाघ अभ्यारण्यों को कुशल प्रबंधन के लिए सुझाव देने हेतु नियुक्त किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वन्य क्षेत्र से विशेषज्ञों को इस पर ध्यान देना चाहिए. पाखरों में पहले से चल रही सफारी रोका नहीं जाएगा, मगर उत्तराखंड में एक बाघ बचाव केंद्र स्थापित किया जाएगा.



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