सुप्रीम कोर्ट (फोटो ANI)
BBC Documentary: सुप्रीम कोर्ट ने भारत में ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका शुक्रवार को यह कहते हुए खारिज कर दी कि यह ‘पूरी तरह मिथ्या विचार’ है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और एक किसान बीरेंद्र कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ‘‘रिट याचिका पूरी तरह से मिथ्या विचार है और इसमें कोई दम नहीं है, तदनुसार इसे खारिज किया जाता है’’ भारत और यहां की सरकार के मामले में बीबीसी (BBC Documentary) के पक्षपाती होने का आरोप लगाते हुए याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इसका वृत्तचित्र ‘भारत और इसके प्रधानमंत्री के वैश्विक उदय के खिलाफ गहरी साजिश का परिणाम है.’
शीर्ष अदालत ने तीन फरवरी को बीबीसी के वृत्तचित्र को प्रतिबंधित करने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली अलग-अलग याचिकाओं पर केंद्र और अन्य पक्षों से जवाब मांगा था. जिन याचिकाकर्ताओं की याचिकाओं पर शीर्ष अदालत ने नोटिस जारी किये थे, उनमें अनुभवी पत्रकार एन राम, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, वकील प्रशांत भूषण और वकील एम एल शर्मा शामिल हैं. सरकार ने 21 जनवरी को विवादास्पद वृत्तचित्र के लिंक साझा करने वाले कई यूट्यूब वीडियो और ट्विटर पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश जारी किए थे.
जेएनयू में बीते 24 जनवरी को पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) की स्क्रीनिंग की गई. छात्रों का आरोप है कि स्क्रीनिंग के दौरान कैंपल की बिजली काट दी गई और इंटरनेट बंद कर दिया गया. दावा यह भी किया गया कि कुछ छात्रों ने स्क्रीनिंग में शामिल स्टूडेंट्स पर पथराव भी किया. विवाद हुआ तो विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्क्रीनिंग रद्द कर दी. इसके बाद दिल्ली विश्वविद्यालय और आम्बेडकर विश्वविद्यालय में भी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद हुआ था.
-भारत एक्सप्रेस
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