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NEET Exams: गड़बड़ी के मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने IIT दिल्ली के निदेशक को दिया यह निर्देश

NEET-UG 2024 परीक्षा में एक प्रश्न के सही उत्तर पर राय बनाने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत ने एक विशेषज्ञ टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं. कुछ छात्रों ने परीक्षा में प्रश्न के दो विकल्पों के लिए अंक देने के NTA के फैसले को चुनौती दी थी.

supreme court

सुप्रीम कोर्ट.

NEET-UG 2024 Exam News: नीट 2024 धांधली मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने IIT दिल्ली के निदेशक को निर्देश दिया है. NEET-UG 2024 परीक्षा में एक प्रश्न के सही उत्तर पर राय बनाने के लिए एक विशेषज्ञ टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, कुछ छात्रों ने प्रश्न के दो विकल्पों के लिए अंक देने के NTA के फैसले को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी का गठन करके आज शाम तक सही जवाब तय करे। कोर्ट 23 जुलाई को फिर सुनवाई करेगा. सीजेआई डीवाई चंद्रचुड़ जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच सुनवाई कर रही है. CJI ने कहा कि आरोपियों के बयानों से संकेत मिलता है कि NEET-UG पेपर लीक 4 मई से पहले हुआ था.

पेपर तीन मई या उससे पहले लीक हुआ

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील नरेंद्र हुड्डा ने बिहार पेपर लीक की रिपोर्ट पर दलील देते हुए कहा कि लीक कराना एक गिरोह का काम है, जो पहले भी ऐसे मामलों में काम कर चुका है, बिहार पुलिस को कोर्ट ने खुद कहा है कि सभी बरामद सामग्री, केस डायरी, रिपोर्ट आदि सहित सभी सामग्रियां पेश की जाएं. हुड्डा ने कहा कि हकीकत य़ह है कि पेपर तीन मई या उससे पहले लीक हुआ। NTA ने जो पांच मई को पेपर लीक की बात कह रहा है. उसमें सच्चाई नहीं है। य़ह किसी निचले स्तर का काम नहीं है बल्कि इसके पीछे पूरा गैंग शामिल है.

संजीव मुखिया और बाकी लोग गिरफ्तार नहीं हुए है. CJI ने बिहार पुलिस द्वारा CrPC 161 के तहत बयान की जानकारी मांगी, इस पर ने बताया कि चार मई को पहला बयान अनुराग यादव का दर्ज हुआ. उसके बाद नितेश कुमार का बयान दर्ज हुआ. इसमे दो और लोग अमित आनंद और सिकंदर प्रसाद ने बिहार पुलिस के सामने बयान दर्ज कराया है.

दावा- मोबाइल पर प्रश्न पत्र आया था

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दूसरे बयान को बताते हुए कहा कि नीतीश कुमार मौके पर मौजूद था वो जिन लड़कों को लाया था और पांच मई को अमित द्वारा लाए गए दो और सिकंदर के छह लड़के को हॉस्टल ले जाया गया. य़ह स्कूल आशुतोष कुमार द्वारा किराया पर लिया गया था. जहां पांच मई को चिंटू के मोबाइल पर प्रश्न पत्र आया और लड़को को सुबह 10 बजे याद कराया गया. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा कि NEET-UG के रिजल्ट का NTA ने पूरी तरह खुलासा नहीं किया है.

ऑल इंडिया रैंक और केंद्र से सीरियल नंबर नही दिए है. इन लोगों ने मान लिया है कि पेपर लीक हुआ है, व्हाट्सएप पर भी हुआ है. बिहार पुलिस ने भी अदालत में स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल किया है. पुलिस ने जो बयान लिए है, उनसे साफ है कि बैंक में जाने से पहले पेपर लीक हुआ। ये संजीव मुखिया गैंग ने किया, जो पहले भी पेपर लीक में शामिल रहा है. हुड्डा ने कहा कि NTA ने जो रिजल्ट वेबसाइट पर प्रकाशित किया है, उसमें छात्रों के रोल नंबर तक नही दिए गए. NTA ने रोल नंबर की जगह जो सीरियल नंबर दिए भी है.

सीरियल नंबर भी रोल नंबर के क्रम में नहीं दिखे

आंकड़ों से साफ है कि वो सीरियल नंबर भी रोल नंबर के क्रम में नहीं दिए गए हैं, बल्कि मनमाने तरीके से सीरियल नंबर दिए गए है. इसके चलते किसी सेंटर विशेष के किसी रूम में एग्जाम मिल पाना संभव नही है. पूरी परीक्षा आयोजित करने का तरीका इतना कमजोर है कि इससे भरोसा नही होता और हर स्तर पर लीक हुआ है. याचिकाकर्ताओं के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया.

हरदयाल स्कूल झज्जर के प्रिंसिपल SBI और केनरा दोनों बैंक गए और प्रश्न पत्र ले गए. अभ्यर्थियों को केनरा बैंक से पेपर वितरित किया गया,लेकिन केनरा बैंक को नहीं बल्कि SBI को पेपर बांटना था. CJI ने पूछा कि जब SBI का पेपर बांटना था, तो झज्जर केंद्र प्रभारी केनरा बैंक जाकर पेपर कैसे ले आए?

— भारत एक्सप्रेस

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