मलयालम अभिनेता सिद्दीकी
यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे मलयालम अभिनेता सिद्दीकी को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिल गई है. कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी है. साथ ही केरल सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस एससी शर्मा की पीठ सिद्दीकी की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है. केरल हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
सिद्दीकी ने आरोपों को झूठा बताया
सिद्दीकी ने अपनी अग्रिम जमानत याचिका में दावा किया है कि अभिनेत्री ने उनके खिलाफ निराधार और झूठे दावे किए हैं कि उन्होंने 2016 से लगातार पांच वर्ष एक थियेटर में उसका (अभिनेत्री का) यौन उत्पीड़न किया और मौखिक यौन प्रस्ताव दिए. यह भी कहा है कि अब वह उसी वर्ष एक अलग स्थान पर बलात्कार जैसे अधिक गंभीर अपराध का पूरी तरह से विरोधाभासी आरोप लगा रही हैं.
हेमा कमेटी की रिपोर्ट के बाद केस हुआ
अभिनेत्री ने जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इस साल अगस्त में एक अभिनेत्री द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर सिद्दीकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. अभिनेत्री ने उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 ( बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए गए है. सिद्दीकी ने अभिनेत्री द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के बाद एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट के महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था.
कई फिल्म निर्देशकों और अभिनेताओं पर केस
हेमा समिति की रिपोर्ट आने के बाद कई फिल्म निर्देशकों और अभिनेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. केरल सरकार ने 2017 में जांच समिति का गठन किया था. रिपोर्ट में मलयालम सिनेमा उद्योग में महिलाओं के उत्पीड़न और शोषण के मामलों का खुलासा किया गया है. कई अभिनेताओं और निदेशकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न और शोषण के आरोप सामने आने के बाद राज्य सरकार ने 25 अगस्त को इन मामलों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की थी.
-भारत एक्सप्रेस