सुप्रीम कोर्ट: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले पर रोक लगा दिया है,जिसमें हाइकोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाले में पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए सीबीआई को निर्देश दिया था. कोर्ट 6 मई को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. सीजेआई ने मामले की सुनवाई के दौरान टिप्पणी करते हुए कहा कि जो लोग पैनल में नहीं थे,उन्हें भर्ती कर लिया गया. यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है. हाइकोर्ट ने नियुक्तियां अमान्य करते हुए कहा था कि जिन लोगों को SSC पैनल की समाप्ति के बाद नौकरी मिली, उन्हें जनता के पैसे से भुगतान किया गया.
ब्याज सहित लौटाना होगा सैलरी
कोर्ट ने कहा सभी की चार हफ्ते के अंदर ब्याज सहित वेतन लौटना होगा.सभी को 12 फीसदी सालाना ब्याज के साथ पैसा लौटना होगा.कोर्ट ने 15 दिनों के अंदर प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है.
बतादें कि हाइकोर्ट ने राज्य चयन परीक्षा, 2016 की स्कूल सेवा आयोग भर्ती प्रक्रिया को अमान्य घोषित कर दिया.पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि हाइकोर्ट के फैसले से एक बड़ा शून्य पैदा हो गया है.बंगाल सरकार ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि यह फैसला तथ्य की पूरी तरह से उपेक्षा करते हुए दिया गया है.
ममता बनर्जी ने कहा
ममता बनर्जी ने कहा है कि हम उन लोगों के साथ खड़े हैं जिन्होंने नौकरियां खो दी. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपको न्याय मिले.बतादें कि 24,640 रिक्त पदों के लिए 23 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने 2016 SLST परीक्षा दी थी. कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकील फिरदौस शमीम ने कहा कि इन रिक्तियों के लिए कुल 25, 753 नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे.गौरतलब है कि इसी शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, दो विधायको मानिक भट्टाचार्य व जीबन कृष्ण साहा और पार्टी के कई नेताओं कुंतल घोष, शांतनु बंधोपाध्याय, सुजय कृष्ण भद्र अन्य को गिरफ्तार किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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