सुप्रीम कोर्ट
Supreme Court Notice to Acharya Balkrishna and Ramdev: सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस का जवाब नहीं देने पर आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण और योग गुरु रामदेव को सुनवाई की अगली तारीख पर पेश होने को कहा है. बीमारियों के इलाज पर भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद और आचार्य बालाकृष्ण अवमानना का नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. लेकिन, पतंजलि की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले पतंजलि आयुर्वेद और उसके उत्पादों को लेकर कोर्ट में दिए गए पहले के आश्वासनों के उलंघन को लेकर भी फटकार लगाया था. इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को दवाओं से जुड़े गलत दावों के संबंध में भी जवाब मांगा था. जानकारी रहे कि इस मामले में न्यायमूर्ति ए अमानुल्लाह और हिमा कोहली की बेंच ने पचंजलि से नोटिस जारी कर पूछा था कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों ना की जाए.
कोर्ट ने पिछले साल पतंजलि को किया था आगाह
साल 2023 के नवंबर में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के वरीय वकील पीएस पटवालिया ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि पतंजलि का दावा है कि योग, अस्थमा और शुगर की बीमारी को पूरी तरह से ठीक कर सकता है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापन को लेकर केंद्र से गाइडलाइंस जारी करने के लिए कहा था. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पतंजलि को दूसरी दवाओं को लेकर कुछ भी गलत कहने के लिए आगाह किया था.
IMA का क्या है आरोप?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने पतंजलि पर आरोप लगाया है कि उसने कोविड-19 के दौरान हुए वैक्सीनेशन के खिलाफ बदनाम करने वाला कैंपेन चलाया था. जिसके बाद कोर्ट ने पतंजलि को झूठे दावे को लेकर चेतावनी देते हुए कहा था कि भ्रामक विज्ञापन (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर) तुरंत बंद होने चाहिए. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा था कि खास तरह से भ्रामक विज्ञापन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी वसूला जा सकता है. कोर्ट ने आईएएमए और केंद्र को नोटिस देते हुए कहा इस मामले में सुनवाई सुनवाई की अगली तारीख 15 मार्च तय किया था.
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