
सुप्रीम कोर्ट
महाराष्ट्र के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कथित आरोपी छगन भुजबल को मिली जमानत को रद्द करने की मांग वाली ईडी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को लेकर छगन भुजबल की याचिका के बाद उनको 2018 में जमानत पर रिहा गया था. मौजूदा समय में उनकी गिरफ्तारी की अवैधता के सवाल पर विचार करना जरूरी नहीं है. कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 136 के तहत इस स्तर पर हस्तक्षेप का कोई औचित्य नहीं बनता है.
मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट हटाने के लिए जमानत अर्जी दाखिल
सुप्रीम कोर्ट से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों को हटाए जाने के बाद भुजबल ने बॉम्बे हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान भुजबल की ओर से पेश वकील ने कहा था कि वह दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित है. जिसका प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पेश वकील ने विरोध किया था. इससे पहले निचली अदालत ने भुजबल को जमानत देने से इनकार कर दिया था. भुजबल को 2016 में गिरफ्तार किया गया था. भुजबल और उनके सहयोगियों पर पद के दुरुपयोग और राज्य सरकार को वित्तीय हानि पहुचाने के मामले में ईडी ने मुकदमा दर्ज किया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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