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सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में वैभव जैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर कोर्ट ने किया फैसला सुरक्षित

वैभव जैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा. कोर्ट 29 अप्रैल को वैभव जैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुनायेगा.

Satyendar Jain

सत्येंद्र जैन

सत्येंद्र जैन से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के मामले में आरोपी वैभव जैन की ओर से दायर अंतरिम जमानत याचिका पर राउज एवेन्यू कोर्ट में आज सुनवाई हुई. जहां विशेष अदालत ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन के मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन के सहयोगी वैभव जैन की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. राऊज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वे इस मुद्दे पर 29 अप्रैल को अपना फैसला पारित करेंगी. न्यायाधीश ने इसके साथ ही सत्येंद्र जैन के खिलाफ आरोप तय करने पर सुनवाई जारी रखीं हुई हैं और वे अब अगली सुनवाई 7 मई को करेंगी.

कई शेल कंपनियां बनाने का आरोप

सत्येंद्र जैन के वकील डाक्टर सुशील गुप्ता ने ईडी के आरोपो को निराधार बताया है और कहा कि उनके खिलाफ कोई ऐसा सबूत नहीं है जिसके आधार पर उनके खिलाफ आरोप तय किया जा सके. ईडी ने गत साल अप्रैल में धन शोधन रोकथाम अधिनियम, 2002 के तहत जैन के परिवार और कंपनियों की 4.81 करोड़ रु पए की अचल संपत्तियां कुर्क की थी. जैन पर आरोप हैं कि उन्होंने दिल्ली में कई शेल कंपनियां बनाई और कोलकाता के तीन हवाला ऑपरेटरों की 54 शेल कंपनियों के माध्यम से 16.39 करोड़ रुपए के काले धन को भी सफेद किया है.

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ईडी ने जैन को भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत वर्ष 2017 में उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर एक मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. जैन पर कथित तौर पर उससे जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन शोधन करने का आरोप है. सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में कथित तौर पर 1.47 करोड़ रु पये की संपत्ति जमा करने के आरोप में जैन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था. बाद में ईडी ने धन शोधन के मामले में 4.81 करोड़ रु पए की संपत्ति कुर्क की थी.

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