Bharat Express

अमेरिका से निर्वासित भारतीयों का भविष्य: क्या फिर बसा पाएंगे नई जिंदगी?

भारतीयों के निर्वासन के बाद अब सवाल उठता है कि इन निर्वासित भारतीयों का भविष्य क्या होगा? क्या वे भारत में फिर से नए अवसर तलाश पाएंगे या दोबारा अमेरिका जाने के प्रयास करेंगे?

104 Indians deported from America

104 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा गया

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद अवैध प्रवासियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जारी है. इसी क्रम में अमेरिका ने 104 भारतीयों को निर्वासित कर दिया, जिन्हें लेकर अमेरिकी सेना का एक C-17 विमान अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा. इस विमान में 79 पुरुष, 25 महिलाएं और 13 बच्चे शामिल थे. यह ट्रंप प्रशासन के दौरान भारतीयों का पहला बड़ा निर्वासन है.

रिपोर्ट्स के अनुसार निर्वासित किए गए लोगों में सबसे ज्यादा संख्या गुजरात और हरियाणा के प्रवासियों की है. आंकड़ों के मुताबिक इनमें गुजरात और हरियाणा के 33-33, पंजाब के 30, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ के 2-2, और महाराष्ट्र के 3 लोग शामिल हैं. अधिकारियों के अनुसार इनमें कोई कुख्यात अपराधी नहीं है लेकिन उचित दस्तावेज न होने के कारण इन्हें अमेरिका से निष्कासित किया गया है.

निर्वासित भारतीयों के लिए क्या व्यवस्था की गई?

अमृतसर जिला प्रशासन के अनुसार निर्वासित किए गए लोगों को हिरासत में लेने या किसी डिटेंशन सेंटर में रखने का कोई आदेश नहीं है. हरियाणा और पंजाब के प्रवासियों को पुलिस की गाड़ियों से उनके घर भेजा जाएगा जबकि अन्य राज्यों के लोगों को विमानों के जरिए उनके गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की गई है.

पंजाब सरकार ने जताई नाराजगी

पंजाब सरकार में एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अमेरिका के इस फैसले पर निराशा जताई.

उन्होंने कहा, “अमेरिका से भारतीयों को निष्कासित किया जा रहा है, क्योंकि वे गैरकानूनी रूप से वहां रह रहे थे. कई भारतीय वर्क परमिट पर गए थे, लेकिन जब उनका परमिट समाप्त हो गया, तो वे अवैध प्रवासी बन गए.”

18,000 भारतीयों पर निर्वासन का खतरा

रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका में अवैध रूप से रहने वाले करीब 18,000 भारतीयों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें जल्द ही देश से निकाला जा सकता है. ट्रंप प्रशासन ग्वाटेमाला, होंडुरास, इक्वाडोर, भारत और पेरू के प्रवासियों को निष्कासित करने में तेजी दिखा रहा है.

अमेरिकी सरकार इन निर्वासनों के लिए चार्टर्ड विमानों की बजाय सैन्य विमानों का उपयोग कर रही है, जिससे इस प्रक्रिया पर भारी खर्च हो रहा है. यह कदम दर्शाता है कि ट्रंप प्रशासन प्रवासियों के खिलाफ अपनी नीति को बेहद सख्ती से लागू कर रहा है.

अब सवाल उठता है कि इन निर्वासित भारतीयों का भविष्य क्या होगा? क्या वे भारत में फिर से नए अवसर तलाश पाएंगे या दोबारा अमेरिका जाने के प्रयास करेंगे? यह प्रवासी नीति को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है.


इसे भी पढ़ें- अमेरिका से 104 भारतीयों का डिपोर्टेशन, मिलिट्री प्लेन से अमृतसर पहुंचे अवैध प्रवासी


-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read