नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के परिसर में करंट लगने से महिला की मौत मामले में सुनवाई के दौरान जांच अधिकारी के पेश न होने पर अदालत ने नाराजगी जताई है। अदालत ने संबंधित पुलिस उपायुक्त को जांच अधिकारी की अगली सुनवाई में पेशी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। तीस हजारी अदालत स्थित एसीएमएम अनुज कुमार सिंह केसमक्ष मामले की सुनवाई तय थी।
गलत धाराओं में पुलिस ने दर्ज किया मामला
पीड़ित की और से पेश अधिवक्ता जी.के. भारती और तनिष्क खुराना ने अदालत को बताया कि पुलिस ने रेलवे के सात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया लेकिन गलत धाराओं में। इतना ही नहीं रेलवे ने करंट से मौत मामले में सात अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया। अधिवक्ता भारती ने कहा एक तरफ सात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाता है वहीं रेलवे अधिकारियों को बचाने के लिए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत नहीं दे रहा बल्कि मेजर दंड के नाम पर उनका दिल्ली से तबादला कर दिया जाता है। उन्होंने कहा रेलवे को अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की इजाजत देेने के अलावा जांच अधिकारियों को सही धाराओं के मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।
मामले की सुनवाई 13 मई को
जांच अधिकारी की अनुपस्थिति के कारण बहस पूरी नहीं हो सकी और अदालत ने मामले की सुनवाई 13 मई तय करते हुए संबंधित पुलिस उपायुक्त को जांच अधिकारी की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। इस मामले में रेलवे के एसएसई पावर सप्लाई भारत भूषण, गोपाल कुमार, टेक्नीशियन जगदीश कुमार, सीता राम, वायरमैन नारायण सिंह, मनीष कुमार व दीपक कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कंरट लगने से साक्षी आहूजा की 25 जून 23 में मौत हो गई थी।
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साक्षी आहूजा अपनी बहन व उनके दो बच्चों के साथ वंदे भारत से चंडीगढ़ जानने के लिए 25 जून 2023 को सुबह 5:50 के करीब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के परिसर में पहंची। उसी दौरान करंट लगने से मौत हो गई।आरोप है कि बिजली के खंभे में कंरट होने के कारण व उसकी चपेट में आ गई। आरोप है कि बिजली का खंभा में नंगे तार थे जो न तो इंसुलेटेड थे, न ही नंगे तार के जोड़ों पर कोई इंसुलेशन टेप था। न ही कोई चेतावनी संकेत था।