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चुनावी आहट ने बढ़ाई राजनेताओं के बीच कड़वाहट, DNA पर बीजेपी-सपा में जुबानी जंग तेज, जानिए क्या है पूरा मामला

समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया एक्स हैंडल से हुई पोस्ट को लेकर रविवार को ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव ने एक-दूसरे को नसीहत दी थी. वहीं सोमवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने एक लंबी पोस्ट लिखकर समाजवादी पार्टी की राजनीतिक सोच और कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

Akhilesh Yadav vs Brajesh Pathak
Edited by Akansha

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (SP) के सोशल मीडिया सेल द्वारा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है. इस विवाद ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है, जहां एक तरफ सपा और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, वहीं दूसरी तरफ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को करारा जवाब दिया है. जबकि ब्रजेश पाठक के वकील ने सपा के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी है.

डिप्टी सीएम ने अखिलेश यादव पर जमकर साधा निशाना

दरअसल उत्तर प्रदेश में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक पर समाजवादी पार्टी के सोशल मीडिया X अकाउंट से की गई विवादित टिप्पणी के बाद सियासी घमासान मचा हुआ है, डिप्टी सीएम ने सपा मुखिया अखिलेश यादव पर पलटवार किया है, ब्रजेश पाठक ने बताया कि डीएनए से उनका मतलब समाजवादी पार्टी का चाल चरित्र चेहरा था,जिसपर अखिलेश ने भी रिएक्ट करते हुए कहाँ की हम श्री कृष्ण के वंशज हैं,फिर ब्रजेश पाठक ने पलटवार और कहाँ कि ये शिशुपालों के वंशज हैं, योगेश्वर कृष्ण का नाम लेने का दुस्साहस कैसे कर लेते हैं. हालांकि विवाद बढ़ता देख सपा मीडिया सेल ने पोस्ट को डिलीट कर दिया है. मामला हजरतगंज थाने पहुंच गया है.

DCM ब्रजेश पाठक का डीएनए पर तंज

DCM ब्रजेश पाठक का डीएनए पर तंज कसते हुए कहा कि डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं ,बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है,मैं आपके डीएनए में खराबी के मसले को और खुलकर समझा देता हूँ,दरअसल मुस्लिम तुष्टिकरण ही आपकी राजनीति का केंद्रीय हिस्सा है,आपकी पार्टी का जन्म ही मुस्लिम तुष्टिकरण के डीएनए के साथ हुआ है.

ब्रजेश पाठक ने क्या कहा?

अखिलेश यादव जी, आप डीएनए के सवाल पर बहुत भड़के हुए हैं. मैने ये कह क्या दिया कि समाजवादी पार्टी के डीएनए में ख़राबी है, आप आपे से उसी तरह बाहर हो गए जैसे दस साल पहले यूपी की सत्ता से बाहर हो गए थे. आप इस बात को समझिए कि डीएनए में खराबी से हमारा मतलब किसी व्यक्ति विशेष से नहीं, बल्कि आपकी पार्टी की राजनीतिक सोच से है. डीएनए में खराबी का मतलब ये है कि आपकी पार्टी की राजनीति की बुनियाद ही जातिवाद और तुष्टीकरण पर टिकी रही है और आज भी टिकी हुई है. समाजवादी पार्टी ने कभी सबका साथ-सबका विकास की बात की ही नहीं. आपकी प्राथमिकता ही हमेशा वोटबैंक की राजनीति रही है, नीतियों और आदर्शों से आपका दूर दूर तक का लेना देना नहीं रहा है.

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अखिलेश पर लगाया गंभीर आरोप

अखिलेश जी, इसलिए जब हम कहते हैं कि समाजवादी पार्टी के डीएनए में ख़राबी है तो हमारा सीधा मतलब है कि यह पार्टी सत्ता के लिए समाज को बाँटने में यक़ीन रखती है. जाति, धर्म और वर्ग को देख कर राजनीति करती है. इसलिए आप कुपित न होइए. हो सके तो खुद को और अपनी पार्टी की सोच को बदलने की कोशिश कीजिए. एक बात और, आपका और आपकी पार्टी का ट्विटर हैंडल जो भी चलाता है और जो भी आपको बड़े बड़े पैराग्राफ वाले बयान लिखकर भेजता है, वो तो इतना नादान है कि उसने आपके जरिए ये कुबूल करवा लिया कि जेपी, लोहिया और राजनारायण जैसे महान नेताओं के समाजवाद को गंदी, पतित और कलुषित गालियों में तब्दील कर देने वाले ये लोग आपके अपने ही हैं. आपने खुद लिखित रूप में ये कुबूल कर लिया है कि आप पार्टी स्तर पर उन लोगों को समझाएंगे. अब भी कोई शक, कोई संदेह बचा क्या कि आपकी पार्टी का डीएनए ही खराब है?

डीएनए के विवाद पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव का कटाक्ष

आज सुबह डिप्टी सीएम ने DNA वाले बयान पर फिर सपा मुखिया को घेरा, उसके बाद आज सपा चीफ अखिलेश यादव ने कहा की आप अपने दल में ‘राजनीतिक स्वास्थ्य’ को सुधारने का काम करेंगे,और विवाद पर विराम लगाते हुए कहा कि-इस कड़ी का अंतिम पत्र क्योंकि हमें तो जनहित के लिए काम पर निकलना है.

क्या इस शायरी से होगा विवाद का समापन?

अखिलेश जी, अंत में यही कहूंगा कि अगर आप बदल सकते हैं तो खुद को बदलिए, अपनी पार्टी के डीएनए को बदलिए वरना आज से लेकर 2027 तक और उसके बाद भी आपको अपनी पार्टी का यही डीएनए परेशान करता रहेगा. अभी तो मैं कह रहा हूं, इसके बाद प्रदेश की एक एक गली से, एक एक मोहल्ले से, एक एक गांव, शहर, ज़िले और यहां तक कि एक एक आम व्यक्ति की जुबां से आपकी पार्टी के इस डीएनए का जिक्र फूटेगा. किस किस को गालियां देते फिरेंगे आप? सो अपना चेहरा साफ कीजिए, आईने से मत झगड़िए. आखिर में डिप्टी सीएम ने एक शेर लिखा “उम्र भर ग़ालिब यही भूल करता रहा, धूल चेहरे पे थी आइना साफ़ करता रहा।” जिसके कुछ देर बाद अखिलेश ने शायराना अंदाज में लिखा-हुक्मरानों की बदजुबानी पर भी आजादी और किसी की सच कहने पर गिरफ्तारी.

-भारत एक्सप्रेस 



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