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बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में पुणे से तीन और गिरफ्तार

Baba Siddique Murder Case: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी के हत्याकांड मामले में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां चल रही हैं. इसी सिलसिले में बुधवार देर शाम पुणे से तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

Baba Siddique

बाबा सिद्दीकी.

Baba Siddique Murder Case: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता बाबा सिद्दीकी के हत्याकांड मामले में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां चल रही हैं. इसी सिलसिले में बुधवार देर शाम पुणे से तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

दरअसल, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की बांद्रा में तीन लोगों ने 12 अक्टूबर को गोली मारकर हत्या कर दी थी. एनसीपी नेता पर हमला उस वक्त किया गया था, जब वे अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के पास थे. उनकी हत्या की जिम्मेदारी गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के गिरोह ने ली है. इस मामले में पुलिस कई लोगों को गिरफ्तार किया है. इसी सिलसिले में महाराष्ट्र से पुणे से तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया है..

गिरफ्तार हुए आरोपी पुणे के रहने वाले हैं. जिनकी पहचान शिवणे के निवासी रूपेश राजेंद्र मोहोल (22), उत्तम नगर निवासी करण राहुल साल्वे (19) और शिवम अरविंद कोहाड़ (20) के रूप में हुई है.

इससे पहले मुंबई क्राइम ब्रांच ने बुधवार को एक शख्स को हरियाणा के कैथल से गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम अमित उर्फ नाथी बताया जा रहा है, जो कलायत के बाता गांव का निवासी है. अमित पर पहले से कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.

चौथे मुख्य आरोपी के रूप में जीशान अख्तर की पहचान

जानकारी के मुताबिक, बाबा हत्याकांड मामले में जीशान अख्तर की पहचान चौथे मुख्य आरोपी के रूप में हुई है. जीशान बाबा की हत्या करने के लिए बाकी तीनों शूटर्स को बाहर से डायरेक्शन दे रहा था. वह फरार है. अमित पर आरोप है कि उसने आरोपी जाशीन अख्तर को करनाल में एक मकान किराए पर लेकर ठहराया था. बाबा सिद्दीकी हत्याकांड से केवल दो महीने पहले 15 दिन से अधिक दोनों आरोपी एक साथ रहे थे. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस आरोपी के अन्य कनेक्शनों की जांच में जुट गई है.

मामले में चल रही है आंतरिक जांच

गौरतलब है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में 19 अक्टूबर को मुंबई पुलिस ने उनके साथ मौजूद सुरक्षा गार्ड को निलंबित कर दिया था. बाबा सिद्दीकी की सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल श्याम सोनावणे ने वारदात के वक्त किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की. पुलिस के अनुसार, कांस्टेबल श्याम सोनावणे ने न तो आरोपियों को रोकने की कोशिश की और न ही बाबा सिद्दीकी को बचाने की. इस मामले में आंतरिक जांच भी चल रही है.



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