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धर्मगुरु दलाई लामा ने विशेष प्रवचन को किया संबोधित, बोले- शिक्षा में शामिल हो करुणा का मूल्य

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा का दो दिवसीय विशेष प्रवचन कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें देशभर से स्कूल और कॉलेजों से करीब दो हजार छाक्ष-छात्राएं शामिल हुईं.

तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में तिब्बती आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा का दो दिवसीय विशेष प्रवचन कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें देशभर से स्कूल और कॉलेजों से करीब दो हजार छाक्ष-छात्राएं शामिल हुईं. कार्यक्रम का आयोजन मुख्य बौद्ध मंदिर सुगलगखंग में किया गया. धर्मगुरु दलाई लामा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमें सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करनी चाहिए. दूसरों के हित और सम्मान को पूरा करने की कोशिश सभी को करनी चाहिए. हम अपने जीवन को सफल बनाने के लिए जिन भी माध्यमों का सहारा लेते हैं उनके लिए भी हमेशा अच्छी सोच रखने की कोशिश करनी चाहिए.

दूसरों के लिए रखें करुणा और मानवता का भाव

धर्मगुरु ने छात्रों को संबोधित करते हुए आगे कहा कि सभी लोग अच्छे बनें, लोगों के हित और सम्मान के बारे में सोचने के अलावा मानवता और करुणा का भाव रखें. साथ ही शून्यता व बौद्धचित का अभ्यास हम सभी को करना चाहिए. इस दौरान तिब्बती छात्र ने धर्म गुरु से सवाल किया कि युवा और बच्चे खेल में तो रुचि दिखाते हैं, लेकिन पढ़ाई और पूजा-पाठ में उनका मन नहीं लगता है. जिसपर धर्मगुरु ने जवाब देते हुए कहा कि यह सब अभ्यास से ही संभव होगा. आपको अभ्यास करना चाहिए. आधुनिक शिक्षा भौतिक मूल्यों की ओर उन्मुख है. साथ ही अगर हम आंतरिक मूल्यों की बात करें तो हम धार्मिक आस्था पर निर्भर हैं.

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धर्मगुरु ने ये भी कहा कि प्राचीन समय में तो यह ठीक था, जहां नैतिकता और धर्म के साथ ही सभी ईश्वर में विश्वास करते थे, लेकिन अब सात अरब लोगों में से एक अरब लोगों ने ये ऐलान कर दिया है कि उनकी कोई आस्था ही नहीं है. वस्तुएं स्वभाव से सिद्ध हैं इसे हर किसी को समझना चाहिए. एक तिब्बती छात्र तेनज़िन चोडन ने कहा, “परम पावन यहां हमें शिक्षा देने आए हैं. इसलिए हम सभी तिब्बती युवाओं के लिए विशेष रूप से इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया है. यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है और हम दलाई लामा को भगवान की तरह मानते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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