आशुतोष महाराज
Ashutosh Maharaj News: दिव्य ज्योति जागृत संस्थान (Divya Jyoti Jagrati Sansthan) के संस्थापक आशुतोष महाराज (Ashutosh Maharaj) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. उनको लेकर दावा किया जा रहा है कि वे पिछले 10 साल से समाधि में लीन हैंं. तो वहीं अब उनकी शिष्या ने भी समाधि ले ली है. इस सम्बंध में उनके शिष्यों की ओर से बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें वे चौंकाने वाला दावा करते नजर आ रहे हैं.
नहीं आ पा रहा हूं वापस
शिष्यों की ओर से दावा किया जा रहा है कि, “दिव्य ज्योति जागृत संस्थान वालों ने आशुतोष महाराज के शरीर को डीप फ्रीजर में कैद करके रखा है, ताकि वे समाधि से कभी वापस ही न आ सकें. इसलिए आशुतोष महाराज ने अपनी शिष्या आशुतोषांबरी (Ashutoshambari) को आंतरिक संदेश भेजा और कहा कि वह उन्हें समाधि से वापस ले आएं, क्योंकि इन लोगों ने डीप फ्रीजर में कैद करके रखा हुआ है, इसीलिए मैं वापस नहीं आ पा रहा हूं.”
इंग्लैंड से आकर कर रहे हैं सेवा
इसी के साथ ही डॉ. स्वामी हरिदास आनंद खुद को इंग्लैंड का निवासी बताते हैं. उन्होंने मीडिया के सामने दावा किया है कि, वह एक साल पहले आशुतोष महाराज की शिष्या आशुतोषांबरी के दर्शन के लिए लखनऊ आए थे. दर्शन के बाद इंग्लैंड गए लेकिन बाद में फिर से यहां लौट आए और फिर आशुतोषांबरी की सेवा और आश्रम कार्य में जुट गए. तो वहीं डॉक्टर स्वामी हरिदास आनंद आगे बताते हैं कि, पंजाब के जालंधर के रहने वाले हैं. उनकी दोनों बहनें और माता पिता भी सेवा कार्य में हैं. उन्होंने इंग्लैंड से पीएचडी की है.
28 जनवरी को साध्वी समाधि में हुई थीं लीन
यहां शिष्य ब्रह्मर्षि जमदग्नि ने मीडिया के सामने दावा किया है कि, उनकी गुरु मां आशुतोषांबरी ने सभी शिष्यों को बताकर बीते 28 जनवरी को सभी के सामने समाधि ली ताकि वे गुरु आशुतोष महाराज को समाधि से जगाकर वापस भौतिक शरीर में वापस लाकर उनकी चेतना जागृत करा सकें. उन्होंने आगे दावा किया है कि आशुतोष महाराज पिछले 10 वर्षों से समाधि में हैं. शिष्य जमदग्नि ने कहा कि गुरु मां आशुतोषांबरी को ध्यान अवस्था में आशुतोष महाराज का संदेश मिला था, जिसमें वे कह रहे थे कि उनकी शिष्या आशुतोषांबरी उन्हें समाधि में आकर जगाएं, ताकि वे वापस भौतिक शरीर में आ सकें. इसी के साथ ही आश्रम के शिष्यों का दावा है कि उनकी गुरु मां समाधि में चली गई हैं और जल्द ही वे समाधि से आएंगी, ताकि वे आशुतोष महाराज को वापस ला सकें.
कोई नहीं जा सकता कमरे में
तो वहीं खबर सामने आई है कि, आश्रम के ऊपर जिस कमरे में आशुतोषांबरी ने समाधि ली है, वहां तक किसी को जाने नहीं दिया जा रहा है. वहां कोई नहीं जा सकता है. तो वहीं ये भी कहा जा रहा है कि अगर कोई दर्शन के लिए जा रहा है तो पहले उससे मोबाइल, पेन व बैग सब जमा करा लिया गया और मेटल डिटेक्टर से स्कैनिंग की गई. जब खिड़की से देखा तो कंबल के अंदर लेटी हुई थीं, उनका मुंह ढंका हुआ था. फिलहाल सवाल ये है कि समाधि की सत्यता क्या है?
हाईकोर्ट में दाखिल की गई है PIL
तो वहीं अगर बयानों की मानें तो आशुतोष महाराज खुद भौतिक शरीर में आने में सक्षम नहीं हैं इस पर जमदग्नि ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि, गुरु को शिष्य ही उठाता है. तो दूसरी ओर डॉ. स्वामी आदि शंकरानंद ने कहते हैं कि, उन लोगों ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की है कि जो समाधि में उनकी गुरु मां गईं हैं, उनकी सुरक्षा का इंतजाम करने की मांग की है. आगे उन्होंने जानकारी दी कि, डॉक्टरों की टीम आई थी, उन्होंने जांच की है, गुरु मां आशुतोषांबरी की पल्स और हार्टबीट नहीं चल रही है, लेकिन डॉक्टर और विज्ञान इस बात से हैरान है कि जब उन्होंने ईसीजी किया तो उनको हलचल महसूस हुई. आगे जानकारी दी कि, अब हम लोगों ने मस्तिष्क की जांच के लिए प्रशासन से कहा है. इसी के साथ ही शिष्यों ने दावा किया कि, जो डॉक्टर आए थे, उन्हें हमने नहीं बुलाया, उनको प्रशासन ने भेजा था.
-भारत एक्सप्रेस