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ED की बड़ी कार्रवाई, यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन सुभोध कुमार गोयल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन सुभोध कुमार गोयल को बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया. जांच कॉन्कास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड से जुड़े आर्थिक घोटाले पर केंद्रित है.

UCO Bank former chairman Subhodh Kumar Arrested

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में यूको बैंक के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सुभोध कुमार गोयल को गिरफ्तार कर लिया है. यह कार्रवाई 16 मई को ईडी की कोलकाता क्षेत्रीय इकाई द्वारा की गई, जब एजेंसी ने दिल्ली स्थित उनके आवास पर छापा मारकर उन्हें हिरासत में लिया. गोयल की यह गिरफ्तारी कॉन्कास्ट स्टील एंड पावर लिमिटेड (Concast Steel and Power Ltd – CSPL) और अन्य संबंधित पक्षों के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में हुई है.

CSPL पर बैंक धोखाधड़ी का आरोप

ईडी के मुताबिक, CSPL और उसके प्रमोटरों द्वारा बैंकों के कंसोर्टियम से लिए गए भारी भरकम ऋण में धोखाधड़ी की गई, जिसमें यूको बैंक भी शामिल था. जांच के दौरान यह सामने आया कि इस ऋण मंजूरी प्रक्रिया में गोयल की भूमिका संदिग्ध रही और उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों का दुरुपयोग कर बैंक के हितों को नुकसान पहुंचाया.

एजेंसी ने गोयल को धन शोधन निवारण अधिनियम (Prevention of Money Laundering Act – PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया. इसके बाद उन्हें 17 मई को कोलकाता की विशेष पीएमएलए अदालत में पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें 21 मई तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है.

ऋण मंजूरी में अनियमितताओं की जांच

ईडी सूत्रों के अनुसार, हिरासत की इस अवधि के दौरान गोयल से गहन पूछताछ की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि ऋण मंजूरी में किन प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई, किन स्तरों पर अनियमितताएं हुईं और किस प्रकार से धन को गलत तरीके से इधर-उधर किया गया. साथ ही, एजेंसी उनके कार्यकाल में हुए वित्तीय निर्णयों की भी जांच कर रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि क्या यह साजिश जानबूझकर की गई थी.

बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा घोटाला, ऊंचे पदों पर उठे सवाल

ईडी इस मामले में पहले ही CSPL के खिलाफ कई छापेमारी कर चुकी है और संपत्तियों को कुर्क भी किया गया है. अब सुभोध कुमार गोयल की गिरफ्तारी से एजेंसी को उम्मीद है कि जांच को एक महत्वपूर्ण दिशा मिलेगी और इस घोटाले में शामिल अन्य प्रभावशाली लोगों की भूमिका भी उजागर हो सकेगी.

यह मामला देश के बैंकिंग क्षेत्र में हुए बड़े आर्थिक घोटालों में से एक माना जा रहा है, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक की उच्चतम स्तर की भूमिका भी सवालों के घेरे में है.

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-भारत एक्सप्रेस 



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