रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत.
Ratan Tata Death: रतन टाटा के निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर है. इस बीच उनके निधन पर देश के तमाम दिग्गज नेता उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. केंद्रीय केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखवत ने रतन टाटा के निधन के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भावुक पोस्ट किया है. अपने पोस्ट में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने लिखा कि यह जानकर बहुत दुख हुआ कि श्री रतन टाटा जी अब हमारे बीच नहीं रहे.
एक दूरदर्शी व्यवसायी और परोपकारी, जिन्होंने भारत के कॉर्पोरेट परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी, उनकी नैतिकता, सहानुभूति और करुणा की विरासत हमेशा प्रेरित करेगी. पूरे टाटा समूह परिवार और उन सभी लोगों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं जिनके जीवन को उन्होंने अपनी उदारता और दयालुता से प्रभावित किया. उन्होंने रतन टाटा के निधन को एक युग का अंत बताया है.
End of an era!
Deeply saddened to know that Shri Ratan Tata ji is no more with us.
A visionary businessman and philanthropist who left an indelible mark on India’s corporate landscape, his legacy of ethics, empathy & compassion will forever inspire.
My heartfelt condolences… pic.twitter.com/vI5oEhesPE
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) October 9, 2024
बाद में वह उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया. एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा, आज श्री रतन टाटा जी को श्रद्धांजलि अर्पित की. वे अपने आप में एक संस्था थे, हमारे देश के लिए दिया गया उनका योगदान बेमिसाल रहेगा. ओम शांति.
Paid my respects for one last time to Shri Ratan Tata ji today.
An institution in himself, his contribution to our country will stay unmatched.
Om Shanti 🙏🏽 pic.twitter.com/nYgM7Cf68Q
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) October 10, 2024
मार्च 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक रहे टाटा समूह के अध्यक्ष
बता दें कि टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का बुधवार (9 अक्टूबर) देर रात ब्रीच कैंडी अस्पताल में उम्र संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते निधन हो गया. वह 86 वर्ष के थे. वह मार्च 1991 से 28 दिसंबर 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष रहे. उसके बाद 2016-2017 तक एक बार फिर उन्होंने समूह की कमान संभाली. उसके बाद से वह समूह के मानद चेयरमैन की भूमिका में रहे थे.
उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था. उन्होंने अपने कार्यकाल में टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और उदारीकरण के दौर में समूह को उसके हिसाब से ढाला. व्यवहार में जितने सौम्य थे उतने ही बिजनेस मामलों को लेकर काफी सख्त भी थे.
-भारत एक्सप्रेस