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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल: शासन के 10 मूलभूत सिद्धांत भारत के उत्थान की रीढ़

पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री द्वारा संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर दिए गए 11वें संकल्प को याद करते हुए कहा कि यह संकल्प एक विकसित भारत की नींव तैयार करता है.

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पीयूष गोयल. (फाइल फोटो)

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने चेन्नई में तुगलक वार्षिक सम्मेलन के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में पिछले एक दशक में शासन के 10 मूलभूत सिद्धांतों ने भारत में अभूतपूर्व परिवर्तन का आधार तैयार किया है. उन्होंने कहा कि ये सिद्धांत भारत के उल्लेखनीय उत्थान की रीढ़ हैं और 6 प्रमुख क्षेत्रों में देश की प्रगति को गति दी है.

10 मूलभूत सिद्धांतों का महत्व

मंत्री ने बताया कि इन सिद्धांतों में निर्णायक नेतृत्व, परिणामोन्मुखी कार्रवाई, कानून का शासन, पारदर्शिता, समयबद्ध निष्पादन, जवाबदेही, प्रौद्योगिकी को अपनाना, नवीन वित्तपोषण और सभी हितधारकों के साथ भागीदारी शामिल हैं. इन सिद्धांतों ने वैश्विक नेतृत्व, अर्थव्यवस्था, नवाचार, बुनियादी ढांचे, वैश्विक सॉफ्ट पावर और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति को प्रेरित किया है.

भारत का वैश्विक नेतृत्व और सॉफ्ट पावर

उन्होंने कहा कि भारत का वैश्विक नेतृत्व आज विश्व मंच पर बढ़ते प्रभाव का प्रमाण है. जी-20 की अध्यक्षता के दौरान “वसुधैव कुटुम्बकम” का विषय भारत की कूटनीति और प्राचीन दर्शन को दर्शाता है. साथ ही, खेल, संस्कृति और नवाचार के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां इसकी वैश्विक सॉफ्ट पावर को मजबूत कर रही हैं. चेन्नई का विशेष उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत का “सथुरंगा पावरहाउस” है, जिसने विश्वनाथन आनंद जैसे दिग्गज और प्रज्ञानंद व गुकेश जैसे युवा सितारे दिए हैं.

सरकार की प्राथमिकताएं और उपलब्धियां

पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्र सरकार का ध्यान बुनियादी जरूरतों जैसे भोजन, कपड़ा, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल कनेक्टिविटी, स्वच्छ जल और ऊर्जा की उपलब्धता पर है. इन प्रयासों ने सतत विकास लक्ष्यों की ओर देश को तेज़ी से अग्रसर किया है.

आगे की चुनौतियां और समाधान

उन्होंने स्वीकार किया कि समावेशी विकास के बावजूद, भारत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ ताकतें भारत की एकता और प्रगति को बाधित करने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन देश का लचीलापन इन बाधाओं को पार करने में मदद करेगा.

प्रधानमंत्री के 11वें संकल्प का उल्लेख

पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री द्वारा संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर दिए गए 11वें संकल्प को याद करते हुए कहा कि यह संकल्प एक विकसित भारत की नींव तैयार करता है. उन्होंने अपने भाषण का समापन यह कहते हुए किया कि भारत का भविष्य इन सिद्धांतों और संकल्पों पर आधारित रहेगा, जो इसे वैश्विक स्तर पर और ऊंचाइयों तक ले जाएगा.



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