यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो सोशल मीडिया)
UP News: उत्तर प्रदेश में कामगारों को कुशल और प्रशिक्षित करने वाले पाठ्यक्रम को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार बेहद ही सक्रिय एवं जागरूक नज़र आ रही है.
यूं तो भारत के पास सबसे अधिक युवा शक्ति है लेकिन स्किल्ड लोगों की कमी के चलते इस युवा शक्ति का सही दिशा में उपयोग ना हो पाने की वजह से देश का जितनी तीव्र गति से विकास होना चाहिए उतना नहीं हो पा रहा.
आबादी के लिहाज़ से उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) देश का सबसे बड़ा प्रदेश है ऐसे में सबसे अधिक अकुशल श्रमिक भी उत्तर प्रदेश में ही हैं. यूपी सरकार (Up Government) जहां एक त्रिलियन एकोनॉमी (One Trillion Economy) के लिए काम करना चाहती है वहीं बीच रास्ते अकुशल श्रमिक बाधा बनते दिख रहे हैं.
ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ऐसे में श्रमिकों को कुशल बनाने के दिशा में रियायत दे रही है. उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल (Kapil Deo Agarwal) ने बताया है कि अभिभावकों एवं युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए वर्तमान शैक्षिणक सत्र 2023-24 में भी निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों ( Private ITI Institutions) में फीस वृद्धि नही किये जाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी से उत्पन्न असाधारण परिस्थितियों से अधिकांशत: अभिभावकों की आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाने के कारण हो रही परेशानियां के दृष्टिगत वर्ष 2018 के लिए निर्धारित निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए मानक शुल्क को यथास्थिति रखा गया था. वर्तमान सत्र में भी वर्ष 2018 मे निर्धारित निजी आईटीआई की फीस को ही जारी रखने का निर्णय लिया गया है.
उल्लेखनीय है कि इस सम्बन्ध में विशेष सचिव, व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग अभिषेक सिंह (Abhishek Singh) की ओर से आवश्यक शासनादेश जारी कर दिया गया है. उन्होंने शासनादेश में निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन उ.प्र. लखनऊ को आगामी सत्र 2024-25 के लिए फीस नियतन का प्रस्ताव ससमय माह अप्रैल, 2024 तक उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए है.