अब्बास अंसारी (फोटो सोशल मीडिया)
UP News: सुभासपा विधायक अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) की मुश्किलें बढ़ गई हैं. न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी की अदालत ने अब्बास अंसारी की जमानत की अर्जी खारिज कर दी. विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन मामले में उनके ऊपर मुकदमा दर्ज हुआ था. इस मामले में कल ही एमपी एमएलए कोर्ट में अब्बास अंसारी के वकील ने जमानत के लिए अर्जी दी थी.
जानकारी के मुताबिक, थाना कोतवाली क्षेत्र के पहाड़पुरा मैदान में उन्होंने भड़काऊ बयानबाजी की थी. चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए उन्होंने अधिकारियों का हिसाब-किताब करने और उनको देख लेने की धमकी भरा बयान दिया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. इसी के बाद मऊ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर दिया गया था. इसी मामले में बुधवार को सुनवाई थी. वहीं सुनवाई के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट श्वेता चौधरी की अदालत में जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया.
सीजेएम श्वेता चौधरी ने अब्बास अंसारी के अधिवक्ता और सहायक अभियोजन अधिकारी रविंद्र प्रताप यादव के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी का अवलोकन करने के बाद जमानत अर्जी खारिज की है. अभियोजन के अनुसार एसआई गंगाराम बिंद की तहरीर पर शहर कोतवाली में अपराध संख्या 97/ 22 धारा 506, 171च भादवि के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी. इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी व अन्य को आरोपी बनाया गया था.
क्या है आरोप
आरोप था कि 3 मार्च 22 को विधानसभा चुनाव के दौरान सदर विधानसभा सीट से सुभासपा के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे अब्बास अंसारी ने नगर क्षेत्र के पहाड़पुर मैदान में जनसभा के दौरान कहा था कि जनपद मऊ के प्रशासन को चुनाव के बाद रोककर हिसाब- किताब किया जाएगा व इसके बाद सबक सिखाने की धमकी भी मंच से ही उन्होंने दी थी.
पुलिस ने विवेचना मे मामले में धारा 506, 171 एफ,186,189,153 ए, 120 बी भादवि मे सदर विधायक अब्बास अंसारी व उनके भाई उमर अंसारी, इलेक्शन एजेंट गाजीपुर जनपद के पुरानी कचहरी यूसुपुर मुहम्मदाबाद निवासी मंसूर अंसारी आदि के विरुद्ध आरोप पत्र कोर्ट में पेश किया है.
-भारत एक्सप्रेस
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