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UP News: यूपी के छात्र अब पढ़ेंगे पुलवामा हमला और सर्जिकल स्ट्राइक, संशोधन के बाद सिलेबस में किया गया शामिल

उत्तर प्रदेश के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में नई शिक्षा नीति 2020 के तहत संशोधन किया गया है. रक्षा अध्ययन के छात्रों को पाठ्यक्रम में नए सत्र से बहुत कुछ बदला हुआ मिलेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

UP News: अब उत्तर प्रदेश (UP) के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को भारतीय सेना के बहादुरी के किस्से भी पढ़ने को मिलेंगे. नई पीढ़ी को आर्मी से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी देने के लिए पाठ्यक्रम में 2019 में हुए पुलवामा हमला और सर्जिकल स्ट्राइक को जोड़ा गया है. ताकि युवी पीढ़ी में देशभक्ति की भावना के बीज बोएं जा सकें. नए सत्र से ही यह बदलाव देखने को मिलेगा.

नई शिक्षा नीति 2020 के तहत रक्षा अध्ययन विषय के पाठ्यक्रम में संशोधन कर सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमला को जोड़ा गया है. अब तक के युद्धों में देश के जवानों को जो जीत मिली है, छात्रों को वह गाथा भी पढ़ने को मिलेगी. प्रदेश सरकार की ओर से रक्षा अध्ययन का पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

कमेटी में रक्षा विशेषज्ञ एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष प्रो. प्रशांत अग्रवाल को भी शामिल किया गया है. इस मामले में प्रो. प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि फाउंडेशन और ऐच्छिक विषय भी शुरू किया जाएगा. उन्होंने ये भी जानकारी दी कि प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम एक समान होंगे. तो वहीं 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम विश्वविद्यालय खुद ही तैयार कर रहे हैं. पाठ्यक्रम को तैयार कर शासन को भेज दिया गया है. सम्भावना है कि इसी सत्र से विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम में बदलाव मिले.

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विद्यार्थी करेंगे सीमा का टूर

प्रो. अग्रवाल ने बताया कि विद्यार्थियों को पुस्तकीय ज्ञान देने के साथ ही उनको भारतीय सीमा का टूर या ऑनलाइन कोर्स भी कराया जाएगा और पाठ्यक्रम को रुचिकर बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि तैयार किए गए नए पाठ्यक्रम में तीन फाउंडेशन कोर्स, भाषा (हिंदी व अंग्रेजी) के साथ ही युद्ध की अवधारणा को भी पाठ्क्रम का हिस्सा बनाया गया है. वहीं ऐच्छिक विषय के रूप में पर्यावरण परिवर्तन और समस्या, आपदा प्रबंधन, अंतरराष्ट्रीय सम्बंध, भारतीय युद्ध कला, राष्ट्रीय सुरक्षा के सैंद्धांतिक पक्ष, युद्ध का विज्ञान एवं तकनीक में सम्बंध के साथ ही युद्ध का चिंतन भी शामिल किया गया है. विश्व का वर्तमान वातावरण, भारतीय रक्षा संगठन, भू-राजनीति तथा भौगोलिक सैन्य, राष्ट्रीय सुरक्षा की अर्थव्यवस्था, भारत की अपरंपरागत सुरक्षा एवं चुनौतियों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है.

-भारत एक्सप्रेस



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