मृतका का संत बेटा
वरुण शर्मा
UP News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसे जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. बीमार दादी की अस्ताल में मौत हुई तो शादी वाले घर की खुशियों में मानों खलल पड़ गई हो. इसलिए शादी के रंग में कोई भंग न पड़े. तो दादी की डेड बाडी को तीन दिन के लिए मोर्चरी में हाउस अरेस्ट करा दिया. यानी रखवा दिया और बाकायदा अस्पताल प्रबंध को लिखकर दिया गया कि ‘घर में शादी है. दादी के मृत शरीर को अस्पताल की मोर्चरी में रख रहे हैं. तीन दिन बाद (12 जून 2023) की सुबह ले जाएंगे.’ यह खबर चर्चा का विषय बनी हुई है.
पूरा मामला नई मंडी कोतवाली इलाके के भोपा रोड स्थित ईवान मल्टी स्पेशलिस्ट हॉस्पिटल का है. शनिवार यानी 10 जून 2023 को सिसौली गांव निवासी 75 वर्षीय कमला नामक वृद्धा की उपचार के दौरान मौत हो गई. जाहिर है कि परिवार के बड़े बुजुर्ग की मौत पर हर किसी को दुख होता है, लेकिन यहां शायद इसके बिल्कुल उलट था. परिवार वालों को बुजुर्ग कमला की मौत के बजाए उनकी मौत की टाइमिंग का ज्यादा दुःख हो था. क्योंकि 11 जून को कमला के पोते शिवम की बारात जो जानी थी. इसी वजह से परिजनों ने वृद्धा कमला की मौत को ज्यादा तरजीह न देते हुए शादी की खुशियों पर लगने वाले ग्रहण को ज्यादा मान्यता दी. शायद इसी वजह से उन्होंने कमला की मौत को तीन दिन के लिए राज बनाए रखने का निर्णय लिया और शनिवार दोपहर को वृद्धा की डेड बॉडी को तीन दिन के लिए ईवान हॉस्पिटल की मोर्चरी में रख दिया. साथ ही स्पष्ट शब्दों में लिखकर दिया गया कि ‘घर में शादी है, उसके बाद डेड बॉडी को ले जाएंगे. आरोप है कि इसके लिए अस्पताल प्रबंध-तंत्र मोर्चरी फीस के एवज में बाकायदा एक मोटी रकम भी वसूल की.’
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देखें क्या लिखकर दिया गया अस्पताल प्रबंधन को?
मृतका कमला के पोते गौरव गुप्ता ने अस्पताल प्रबंधन को लिखकर दिया कि “मैं गौरव गुप्ता पुत्र नरेंद्र गुप्ता अपनी दादी कमला गुप्ता जो मृतक है. उसके मृत शरीर को इवान हॉस्पिटल की मोर्चरी में रख रहा हूं. हमारे यहां शादी होने के कारण मैं मृत शरीर को 12/06/2023 को सुबह ले जाउंगा.”
मृतका के संत बेटे ने काटा हंगामा
इसी बीच मृतका कमला के संत बेटे स्वामी भक्ति भूषण गोविंद को अपनी मां की मौत की खबर मिली तो वो रात के वक्त ही अपने समर्थकों के साथ अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने अपनी मां के मृत शरीर को अस्पताल प्रबंध-तंत्र से सुपुर्द करने की मांग की, लेकिन अस्पताल ने इसके लिए इनकार कर दिया, जिसको लेकर अस्पताल स्टाफ के साथ उनकी बहस भी हुई. हंगामा होते देख अस्पताल प्रबंधन ने परिवार के उन सदस्यों को भी बुला लिया, जो डेड बॉडी को मोर्चरी में रखवा कर गए थे. इसके बाद अस्पताल में जमकर बहसबाजी हुई.
संत बेटे ने किया अंतिम संस्कार
अस्पताल में भारी हंगामे के बाद स्वामी भक्ति भूषण गोविंद ने 10 हजार रुपये बतौर मोर्चरी फीस जमा कर अपनी मां के मृत शरीर को अस्पताल प्रबंधन से अपने सुपुर्द लिया. जिसके लिए उन्हें भी बाकायदा उसी पर्चे पर ये लिखकर देना पड़ा कि “मैं स्वामी भक्ति भूषण गोविंद अपनी पूज्य मां का शरीर लेकर हॉस्पिटल से श्रीधाम शुक्रताल जा रहा हूं, जहां इनका दाह-संस्कार किया जाएगा.”
स्वामी के हंगामे के बाद स्थगित हुई शादी
टेलीफोनिक वार्ता के दौरान गौरव गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि दादी की मौत की वजह से शादी फिलहाल स्थगित कर दी गई है. उन्होंने ये भी बताया कि ‘वो लोग परिवार समेत शुक्रतीर्थ गए थे और दादी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.’ हालांकि उन्होंने दादी की डेडबॉडी को तीन दिन तक शादी की वजह से मोर्चरी में रखने के कारण को स्पष्ट नहीं किया. इसके लिए उनसे दोबारा भी फोन पर जानकारी लेने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की. फिलहाल इस पूरे प्रकरण को लेकर स्वामी से भी वार्ता करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने इस संबंध में किसी भी तरह की वार्ता करने से ही इनकार कर दिया.
जानें कौन है स्वामी भक्ति भूषण गोविंद?
दरअसल, स्वामी भक्ति भूषण गोविंद कोई और नहीं, बल्कि बच्चों के यौन आरोपों को लेकर चर्चाओं में आने वाले शुक्रतीर्थ स्थित गौड़ीय मठ के मठाधीश एवं कथा वाचक है. इनके दो भाई और भी हैं, जिनमें से एक का नाम नरेंद्र गुप्ता है. मां कमला भी बेटे नरेंद्र गुप्ता के साथ गांव सिसौली में ही रहती थी. दादी कमला के मृत शरीर को शादी की वजह से 3 दिन के लिए मोर्चरी रखने वाला गौरव गुप्ता भी नरेंद्र गुप्ता का ही बेटा है.
-भारत एक्सप्रेस