यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (फोटो फाइल)
UP News: अब अगर बुजुर्ग माता-पिता का ध्यान नहीं रखा तो सम्पत्ति से खुद बा खुद बेदखल हो जाएंगे. दरअसल वरिष्ठ नागरिकों व बुजुर्ग माता-पिता पर बढ़े अत्याचार के मामलों को देखते हुए योगी सरकार नया कानून लाने जा रही है. इसके बाद कोई भी संतान अगर अपने माता-पिता से बुढ़ापे में अच्छा व्यवहार नहीं करती है, या फिर उनको वृद्धाश्रम में छोड़कर खुद सम्पत्ति पर अधिकार जमा लेती है तो ऐसे वारिसों को संपत्ति के अधिकार से बेदखल किया जाएगा.
मिली जानकारी के मुताबिक, योगी सरकार ने माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण तथा कल्याण नियमावली 2014 में संशोधन की तैयारी शुरू कर दी है और इसी के बाद ऐसी संतानों की गंदी गतिविधियों पर रोक लगेगी जो सम्पत्ति के लालच में अपने बुजुर्ग माता-पिता को भटकने के लिए छोड़ देते हैं. इस नए नियम को लेकर शुक्रवार को समाज कल्याण विभाग की ओर से सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने प्रजेंटेशन दिया गया है और अब सरकार इस मामले में महाधिवक्ता की राय लेने के बाद आगे की रणनीति पर काम शुरू करेगी. इस तरह से योगी सरकार बुजुर्ग माता-पिता को उनको अधिकार देगी और ऐसी संतानें जो सम्पत्ति के लिए अपने माता-पिता को परेशान करती हैं या गलत तरीके से सम्पत्ति हड़प कर उनको घर से बाहर कर देती हैं, को आसानी से सम्पत्ति से बेदखल किया जा सकेगा. ऐसी संतानों को बुजुर्ग माता-पिता 30 दिन के अंदर संपत्ति से बेदखल कर सकेंगे. इस पूरे मामले में पुलिस भी बुजुर्गों की मदद करेगी.
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केंद्र की तर्ज पर होगा राज्य का नया कानून
बता दें कि बुजुर्गों के हित के लिए केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2007 में अधिनियम बनाया गया था. इसके तहत माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007 में वरिष्ठ नागरिकों को तमाम अधिकार दिए गए, जिसे उत्तर प्रदेश की सरकार ने स्वीकार किया और वर्ष 2014 में नियमावली लागू की. फिलहाल इस नियमावली में राज्य सप्तम विधि आयोग की ओर से संशोधन की सिफारिश की गई है. तो वहीं आयोग का ये कहना है कि, केंद्र सरकार की ओर से तय नियमावली में सभी उद्देश्यों को पूरा नहीं कराया जा रहा है. इसी को लेकर नई नियमावली में कई प्रावधान कराए जाने की खबर सामने आ रही है तो वहीं ये भी जानकारी आ रही है कि जो वर्तमान नियमावली है, उसमें बुजुर्गों का ध्यान नहीं रखने पर प्रत्येक माह अधिकतम 10 हजार रुपए भरण-पोषण भत्ता देने और एक माह की सजा का प्रावधान किया गया है.
-भारत एक्सप्रेस