यूपी सरकार के मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी
UP Politics: यूपी में सियासत गरम चल रही है. पक्ष और विपक्ष के आरोप और विवाद इन दिनों चर्चा का केंद्र बना हुआ है. जहां एक ओर शिवपाल सिंह यादव और अखिलेश यादव की नई दोस्ती की चर्चा जोरों पर है तो वहीं भाजपा के एक मंत्री ने चाचा-भतीजे की इस नई जुगलबंदी पर बिना नाम लिए ही निशाना साधा है और यहां तक कह दिया है कि “विरासत में गद्दी मिल सकती है बुद्धि नहीं.”
बता दें कि रविवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचे प्रदेश के औद्योगिक विकास एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि “किसी को भी विरासत में गद्दी तो मिल सकती है लेकिन बुद्धि नहीं.” उन्होंने कहा कि “चाचा को भतीजे ने कितनी बार सबके सामने मंच से धक्का दिया. यह सब ने देखा है.”
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इसलिए यही प्रार्थना है कि चाचा को बुद्धि मिले. मंत्री के मुताबिक समाजवादी पार्टी सिर्फ अपने परिवार के बारे में सोचती है और बसपा यह देखती है कि कैसे नोट बढ़े और कैसे वोट बढ़े. वह पूरी तरह जातीय राजनीति करती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी जनता के हित की राजनीति करती है और जनमानस के साथ हमारा गठबंधन है. मालूम हो कि औद्योगिक विकास मंत्री शहर में उद्योग बंधु की बैठक करने आए थे. वह यहां उद्यमियों से उनके आवास पर जाकर मिले. इसके अलावा सर्किट हाउस में भाजपा के जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों से भी मुलाकात की और कानपुर की नब्ज टटोली.
गौरतलब है कि रविवार को ही अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव करीब सात साल बाद, अर्थात 2017 के बाद सपा कार्यालय पहुंचे थे, जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत हुआ था. इसी के बाद राजनीति में हलचल मच गई है. कहा जा रहा है कि चाचा-भतीजे की जोड़ी आने वाले चुनाव में असर डाल सकती है और सत्ता पक्ष के लिए वोट कटवा भी साबित हो सकती है. इसी के साथ मैनपुरी लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव का उदाहरण भी दिया जा रहा है, जिसमें डिंपल यादव ने रिकॉर्ड अंतर से जीत दर्ज की थी.
-भारत एक्सप्रेस
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