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प्रतिकार यात्रा बवाल: योगी सरकार ने अजय राय को छोड़ 81 आरोपियों के नाम लिए वापस, भड़के यूपी कांग्रेस चीफ

UP Politics: साल 2015 में वाराणसी में अन्याय प्रतिकार यात्रा निकली थी, जिसमें जमकर बवाल हुआ था. इसी मामले में अब उप्र सरकार ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को छोड़कर सभी 81 लोगों के ऊपर से मुकदमा हटा लिया है.

अजय राय (फोटो सोशल मीडिया)

-सौरभ अग्रवाल

Varanasi: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि ये सनातन नहीं, सनातन प्रतिकार सरकार है.” दरअसल वाराणसी में 2015 में अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी, जिसमें जमकर बवाल, आगजनी हुई थी. इसी मामले में उप्र सरकार ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को छोड़कर सभी 81 लोगों के ऊपर से मुकदमा वापस ले लिया.इसके बाद अजय राय योगी सरकार पर भड़के हुए हैं और उन्होंने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने प्रदेश की योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘सनातन’ का नाम लेने वाली प्रदेश की बीजेपी सरकार वस्तुत: “सनातन प्रतिकार सरकार” है. उन्होंने कहा कि उसके लिये सनातन शब्द किसी आस्था एवं विश्वास का प्रतीक नहीं, बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध का एक हथियार मात्र है. यह बात पूरी तरह प्रमाणित हो गई, जब सनातन विरोधी इस सरकार ने, काशी में 2015 में सनातन जन विश्वास एवं वर्तमान शंकराचार्य के विरुद्ध सरकारी दमन विरोधी अन्याय प्रतिकार यात्रा में शामिल रहे 82 लोगों पर दाखिल मुकदमें में, एकमात्र मुझे छोड़, अन्य 81 के विरुद्ध आरोप वापस लेने की संस्तुति अदालत से कर सभी 81 लोगों को आरोपमुक्त कराया.”

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मैं करता रहूंगा संघर्ष

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “मैं सरकार की विद्वेष जनित भेदभावपूर्ण ऐसी कार्रवाई से विचलित होने वाला नहीं हूं और सनातन समाज के साथ हर पीड़ित व्यक्ति या वर्ग के साथ अन्याय के प्रतिकार का संघर्ष करता रहूंगा.” उन्होंने आगे कहा, “सरकार ने सनातन की रक्षा में राजनीतिक भेदभाव का परिचय देते हुये लिये फैसले के पीछे तर्क दिया है कि अजय राय पर और भी मुकदमे हैं, जबकि अतिरिक्त मुकदमे तो उन 81 लोगों में भी कई के विरुद्ध भी हैं, जिन्हें सरकार ने राजनीतिक सजातीयता के कारण आरोप मुक्त कराया है.” इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा,” मेरे विरुद्ध तो जो भी केस हैं, वह अन्याय के खिलाफ राजनीतिक आन्दोलनों से ही जुड़े हैं.” कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने यूपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “सरकार के पक्षपाती फैसले से यह बात पूरी तरह साबित हो गई है कि वह न सनातन के प्रति समदृष्टि रखती है और न कानून के समक्ष समता पर आधारित ‘विधि के शासन’ में ही उसका कोई विश्वास है.”

जानें क्या है मामला?

बता दें कि 2015 में वाराणसी में गंगा में गणेश प्रतिमा विसर्जन न होने देने के विरोध में अन्याय प्रतिकार यात्रा निकाली गई थी. यात्रा के दौरान गोदौलिया चौराहे के पास बवाल, आगजनी, तोड़फोड़ और पत्थरबाजी हो गई थी, जिसके बाद वाराणसी के चार थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू भी लगाया गया था. इस मामले में कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, वर्तमान में ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, कई साधु- संतों समेत 82 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इस घटना में सरकारी सम्पत्ति को भी नुकसान पहुंचा था. इस पर बुधवार को MP/MLA कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम इस मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) विनय कुमार के द्वारा दिए गए हलफनामे पर कोर्ट ने सुनवाई की. इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने सतुआ बाबा, स्वामी अविकमुक्तेश्वरानंद सहित 81 लोगों को बरी कर दिया पर अजय राय के लिए सरकार ने आपराधिक इतिहास होने की बात कही और इसी की वजह से उन्हें बरी नहीं किया गया है. इस तरह से इस मामले में अजय राय को छोड़कर सभी 81 लोगों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने का निर्णय लिया गया है और अजय राय को छोड़कर न्यायालय ने सभी 81 लोगों को आरोपमुक्त कर दिया है.

-भारत एक्सप्रेस

 



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