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Manipur Violence: इंफाल में फिर भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों ने जाम की सड़क, मौके पर पहुंचे सेना और RAF के जवान

इंफाल में फिर से हिंसा भड़क गई. शनिवार को भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने गढ़ी इलाके में मुख्य मार्ग को जाम कर दिया.

इंफाल में फिर से हिंसा भड़क गई है

मणिपुर पिछले तीन महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. 20 जुलाई को एक एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दो महिलाओं को नग्न करके उनके परेड कराई गई और रेप किया गया. इस मामले में पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसी बीच राजधानी इंफाल में फिर से हिंसा भड़क गई. शनिवार को भड़की हिंसा में प्रदर्शनकारियों ने गढ़ी इलाके में मुख्य मार्ग को जाम कर दिया और रोड पर टायर जलाए. सूचना मिलते ही मौके पर सेना, पुलिस बल और आरएएफ के जवान पहुंच गए. उन्होंने स्थिति को नियंत्रण में लेने के साथ ही जलाए गए टायरों को बुझाकर सड़क से हटाया. शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुरक्षा बलों ने इलाके में फ्लैग मार्च किया.

पांच आरोपी गिरफ्तार

बता दें कि इससे पहले पुलिस ने महिलाओं के साथ की गई दरिंदगी के पांचवें आरोपी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया. चार आरोपियों को शुक्रवार को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. इन लोगों को घटना का वीडियो प्रसारित होने के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किया गया था. मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के कुछ ही घंटों बाद भीड़ ने उसका घर आग के हवाले कर दिया था.

भीड़ को उकसा रहा था मुख्य आरोपी

पुलिस के अनुसार, वीडियो में मुख्य आरोपी कांगपोकपी जिले के बी फेनोम गांव में भीड़ को स्पष्ट रूप से उकसाता नजर आ रहा है. उसने बताया कि जिन दो महिलाओं के साथ यह शर्मनाक घटना हुई, उनमें से एक भारतीय सेना के पूर्व जवान की पत्नी है, जिसने असम रेजिमेंट में सूबेदार के रूप में सेवाएं दी थीं और करगिल युद्ध में भी हिस्सा लिया था.

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21 जून को दर्ज कराई गई थी शिकायत

घटना से जुड़े वीडियो को लेकर कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस थाने में 21 जून को शिकायत दर्ज कराई गई थी. मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, भीड़ ने चार मई को एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी, जिसने कुछ लोगों को अपनी बहन से दुष्कर्म करने से रोकने की कोशिश की थी. प्राथमिकी के मुताबिक, इसके बाद दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और दूसरे लोगों के सामने ही उनका यौन उत्पीड़न किया गया.

160 से ज्यादा लोगों की मौत

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

भारत एक्सप्रेस



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