Bombay High Court
Bombay High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने साफ-साफ कहा है कि छोटी स्कर्ट पहनना और उत्तेजक डांस करना अश्लील कृत्य नहीं माना जा सकता है. एक मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने छोटे कपड़ों में महिलाओं के डांस कर रहे महिलाओं के ऊपर नकली नोटों की वर्षा करने के आरोप में पांच व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज FIR को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की थी. उच्च न्यायालय ने (IPC) की धारा 294 का हवाला दिया.
जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वाल्मिकी सा मेनेजेस की खंडपीठ ने की सुनवाई
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वाल्मिकी सा मेनेजेस की खंडपीठ ने कहा कि वह वर्तमान भारतीय समाज में प्रचलित नैतिकता के सामान्य मानदंडों को ध्यान में रखते हैं. लेकिन अब महिलाओं के लिए खुले कपड़े पहनना काफी आम और स्वीकार्य हो गया है .
न्यायालय ने कहा, “हमारी सुविचारित राय है कि शिकायत में उल्लिखित कृत्य, जैसे छोटी स्कर्ट पहनना, उत्तेजक नृत्य करना या ऐसे इशारे करना जिन्हें पुलिस अधिकारी अश्लील मानते हैं, उन्हें अश्लील कृत्य नहीं कहा जा सकता है. एचसी ने आगे कहा कि एक पुलिस अधिकारी अपनी निजी राय में ऐसे कृत्यों को अश्लील मान सकता है, लेकिन अगर अदालत इस बारे में संकीर्ण दृष्टिकोण रखती है कि अश्लीलता क्या हो सकती है तो यह प्रतिगामी होगा.”
हम मामले में प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाना पसंद करते हैं: HC
पीठ ने कहा, “हम मामले में प्रगतिशील दृष्टिकोण अपनाना पसंद करते हैं और इस तरह का निर्णय पुलिस अधिकारियों के हाथों में छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं.” बॉम्बे एचसी ने कहा कि एफआईआर में ऐसा कोई आरोप नहीं था कि पांच आवेदकों ने अश्लीलता के किसी भी कृत्य में शामिल थे या अश्लील कृत्य किए थे जिससे जनता को परेशानी हुई हो.
-भारत एक्सप्रेस