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मदरसों के सर्वे पर मौलाना साजिद रशीदी ने आपा खोया, विवादित बयान देकर फंसे

मदरसों के सर्वे पर मौलाना साजिद रशीदी ने आपा खोया, विवादित बयान देकर फंसे

मदरसों के सर्वे पर मौलाना साजिद रशीदी ने आपा खोया, विवादित बयान देकर फंसे

लखनऊ- उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जिस  प्रकार मदरसों का सर्वे करा रही है उसे मुस्लिमों का एक तबका पचा नहीं पा रहा है.यही कारण है कि जमीयत उलमाए हिंद सहित एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी तक इसका विरोध कर रहे हैं.अब इस फेहरिस्त मे एक नाम और जुड़ गया है मौलाना साजिद रशीदी का.वह भड़के हुए हैं.उन्होंने एक बहुत विवादित बयान दे दिया है,जिसके बाद उन पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.

उन्होंने सीएम योगी सरकार को खुली चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर मदरसों में कोई सर्वे के लिए आया तो उसका स्वागत चप्पल-जूतों से होगा. साजिद रशीदी ने मुसलमानो से अपील करते हुए कहा है कि अगर निजी मदरसों का कोई सर्वे करने आता है तो उन्हे 2009 का आदेश दिखाएं और फिर चप्पल-जूतों से उनका स्वागत करें. प्रदेश की योगी सरकार की ओर इशारा करते हुए मौलाना ने कहा कि मुसलमान बहुत बर्दाश्त कर रहा है., अगर वह अपनी पर आ गया तो यह सरकार खुद को बचा नहीं पाएगी.

मदरसों की ही देन है आजादी- साजिद रशीदी

उन्होंने कहा कि आजादी से ही देश में मदरसे खुले हुए हैं और मदरसों की ही देन है आजादी। मदरसों में ही पढ़े लिखे लोग थे वो जिन्होंने गांधी जी के साथ जंग-ए-आजादी की लड़ाई लड़ी।

 

साजिद रशीदी ने कहा कि आजादी से ही देश में मदरसे खुले हैं और मदसों की वजह से ही हमें आजादी मिली है. उन्होने कहा कि मदरसों में ही पढ़े लिखे लोगों ने गांधी जी के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की जंग लड़ी थी. साजिद राशीदी ने कहा कि जो भी संस्थान धार्मिक शिक्षा देते हों, चाहे वो गुरुकुल हों या मदरसे उनका सर्वे और जांच नहीं होनी चाहिए. देश का संविधान हमें अपने मजहब को आजादी के साथ अमल करने और प्रचार-प्रसार करने का अधिकार और इजाजत देता है तो फिर हम मदरसों में कुरान और हदीस पढ़ाने की अनुमति सरकार से क्यो लेंगे.

 

–भारत एक्सप्रेस

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