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लालू यादव और अन्य लोगों से जुड़े लैंड फॉर जॉब मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में 23 दिसंबर को होगी सुनवाई

सीबीआई को कोर्ट ने करीब 30 अन्य आरोपियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी के लिए अतिरिक्त समय दिया था. सीबीआई द्वारा दायर अंतिम चार्जशीट में 78 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

rouse avenue court delhi

राउज एवेन्यू कोर्ट.

Land for Job Case Lalu Yadav: लालू यादव और अन्य लोगों से जुड़े लैंड फॉर जॉब से जुड़े सीबीआई के मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) 23 दिसंबर को सुनवाई करेगा. मामले की सुनवाई के दौरान सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि इस मामले में 30 और अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी मिल गई है.

सीबीआई ने कहा कि फिलहाल एक अधिकारी के खिलाफ मुकदमा चलाने की अभी भी मंजूरी नहीं है. इससे पहले पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मिल चुकी थी.

भोला यादव ही अधिकारियों को निर्देश देते थे

सीबीआई को कोर्ट ने करीब 30 अन्य आरोपियों के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी के लिए अतिरिक्त समय दिया था. सीबीआई द्वारा दायर अंतिम चार्जशीट में 78 लोगों को आरोपी बनाया गया है. सीबीआई के मुताबिक 38 कैंडिडेट्स है इसके अलावे कुछ अधिकारी शामिल है. सीबीआई ने 6 मार्च को इस मामले में तीसरी पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था. जिसमे भोला यादव को आरोपी बनाया गया है.

सीबीआई द्वारा दाखिल पूरक आरोप पत्र में कहा गया है कि भोला यादव लालू प्रसाद यादव के सचिव रह चुके है और वही सभी काम देखते थे. भोला यादव ही अधिकारियों को निर्देश देते थे. सीबीआई ने इस संबंध में भोला यादव के कम्प्यूटर से सबूत बरामद किया है.

जमीन लिखवाकर रेलवे में नौकरी दी

बता दें कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव सहित अन्य लोगों को आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. लालू प्रसाद यादव व उनके परिवार के कई सदस्य भी इस मामले में आरोपित है और कोर्ट से उन्हें जमानत मिली हुई है. सीबीआई ने इस मामले में कई अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है, जिसमें तत्कालीन रेलमंत्री लालू यादव के सचिव रह चुके भोला यादव भी हैं.

इससे पहले कोर्ट ने फरवरी में इस मामले में कई आरोपितों को जमानत दी है. जमानत लेने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, राजद सांसद मीसा भारती, हेमा यादव सहित अन्य आरोपी है.

रेलवे में जमीन के बदले नौकरी का यह मामला उस दौरान का है जब लालू लालू प्रसाद यादव रेलमंत्री थे. आरोप है कि जमीन को औने-पौने दाम में लिखवाकर रेलवे में नौकरी दी गई. लालू परिवार के कई सदस्य इस मामले में जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. इससे पहले लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव को ईडी ने अपने दफ्तर में भी बुला कर दोनों से लंबी पूछताछ की थी.

-भारत एक्सप्रेस



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