
गुरुग्राम,हरियाणा प्रदेश। अखिल भारतीय नगर निकाय प्रतिनिधियों की सभा को संबोधित करते हुए गुरुग्राम में राज्यसभा सांसद एवं उत्तरप्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने नगर निकाय- नगर निगम, नगरपालिका, नगर पंचायत व्यवस्था को राजनीति एवं समाज के विकास की नर्सरी बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने का रास्ता नगर निकाय से होकर जाता है.
राजनीति की नर्सरी है नगर निकाय
डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि रामायण काल से लेकर हड़प्पा-मोहनजोदड़ो सभ्यता काल में नगरप्रमुखों/नगर निकाय व्यवस्था की चर्चा आती है. कही कही यह भी प्रथा रही है कि प्रतीकात्मक तौर पर महापौर यानी नगर प्रमुख चाभी भेट करता है. नगर निकाय व्यवस्था किसी भी राजनीतिक व्यवस्था की नर्सरी होती है. उन्होंने कहा कि महापौर पब्लिक के प्रति जवाबदेह होते हैं, सरजमीं पर आपको तत्काल प्रभाव से निर्णय लेना होता है, छोटी-छोटी समस्याओं को गुणवत्तापूर्ण ढंग से कैसे निपटाएं, इसी पर आपकी विश्वसनीयता निर्भर करती है.
इस दौरान महापौर की चुनौतियों पर चर्चा करते हुए उन्होंने आंकड़े वार बताया कि एक निकाय के पास जितना राजस्व आता है, वह कुल आवश्यकता का लगभग 42% के आसपास होता है, राजस्व कम और खर्च ज्यादा यह संतुलन कैसे दूर हो इसके लिए नगर निकायों को अपने कर आच्छादन के अतिरिक्त आय के साधन तलाशने होंगे. देश में कुल नगरीय क्षेत्र मात्र छह प्रतिशत है लेकिन जीडीपी में वह 60% तक है.
सभी व्यवस्थाओं में समन्वय बेहद जरूरी है
शहरी सुविधाओं को बढ़ाना होगा केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का नगर निकाय के साथ समन्वय आज की आवश्यकता है. नगर निगम की खाली पड़ी जमीनों को आय प्रदान करने वाली योजना में समाहित करना होगा. वह जिला वन प्रोडक्ट ऐसी योजनाओं को अपनाना चाहिए. स्मार्ट सिटी और अमृत योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए निकाय स्तर पर कार्य का विभाजन और नियोजन की आवश्यकता होती है. ऐसे में राज्य प्रशासन से, केंद्रीय योजनाओं से जुड़कर कैसे प्रोजेक्ट तैयार करें, बस स्टैंड से लेकर पशु संरक्षण आदि से लेकर तमाम तरह की डेली लाइफ की समस्या के निराकरण के लिए सभी व्यवस्थाओं में समन्वय कैसे बनाया जाए, यही जनप्रतिनिधि के रूप में एक महापौर की सफलता की असली कसौटी है.
नगर निगम को आय के श्रोत बनाने होंगे
डॉ शर्माने सूरत सूरत नागपुर इंदौर बैंगलोर एक शोरूम की सफाई व्यवस्था का अध्ययन और कूड़ा निस्तारण की नई प्रविधि का उल्लेख किया. पशुओं के आश्रय और उनके माध्यम से आए के स्रोत की तलाश के लिए उन्होंने लखनऊ नगर निगम के कन्हा उपवन का उदाहरण दिया, गाय की गोबर से विद्युत और खाद्य उत्पादन पर जोर दिया. कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, झारखंड, अंडमान निकोबार, दमनदीप, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश के स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
कार्यक्रम का आयोजन लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला जी के मार्गदर्शन में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री साहब सिंह सैनी जी और हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष श्री हरविंदर कल्याण जी के सात नगरीय निकायों के सफल संचालन के संबंध में सार्थक चर्चा हुई.
डॉ दिनेश शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में किया संबोधित
गुड़गांव, हरियाणा में लोकसभा एवं हरियाणा विधानसभा के संयुक्त तत्वाधान में राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों के राष्ट्रीय सम्मेलन में “21वीं सदी में के भारत निर्माता भारत निर्माता के रूप में शहरी स्थानीय निकाय 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान” विषय पर आधारित सम्मेलन में मुख्य वक्ता के रूप में सत्र को संबोधित किया।
इस अवसर पर माo महापौर सूरत श्री दक्षेस किशोर भाई जी, अध्यक्ष स्टैंडिंग कमेटी नगर निगम सूरत, श्री राजन भाई बकुल चंद्र पटेल जी, नगर आयुक्त, श्रीमती शालिनी अग्रवाल जी, निदेशक लोकसभा श्री राहुल सिंह जी, संयुक्त निदेशक श्री मायाराम जी, सचिवालय सहायक श्री अखिलेश शर्मा जी आदि उपस्थित रहे।
भारत एक्सप्रेस
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