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पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक, 6400 करोड़ रुपये के 2 बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर लगी मुहर

पीएम मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें रेलवे के 2 बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर मोहर लगी. इन प्रोजेक्ट्स का कुल बजट 6400 करोड़ रुपये का है. जिसमें रेल लाइन को डबल लाइन में बदला जाएगा

Narendra Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. (फोटो: PIB)

Govind Kumar Edited by Govind Kumar

बुधवार को कैबिनेट की बैठक में 2 बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर मोहर लगी. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ये कैबिनेट बैठक हुई. जिन दोनों दोनों प्रोजेक्ट्स पर मंजूरी मिली, ये दोनों ही रेलवे प्रोजेक्ट हैं जिनका कुल बजट 6400 करोड़ रुपये का है. इन दोनों प्रोजेक्ट में रेल लाइन को डबल लाइन में बदला जाएगा.

पहला प्रोजेक्ट कोडरमा से बरकाकाना जो कि 133 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट है इस परियोजना की लागत ₹3,063 Cr है. इससे पटना से रांची के बीच सफर आसान होगा. झारखंड के 4 जिलों में बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. 938 गांवों और 15 लाख की आबादी को लाभ मिलेगा.

दूसरा प्रोजेक्ट है बल्लारि-चिक्कजाजूरू

जो कि 185 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट है. कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में ये इस प्रोजेक्ट का बजट ₹3,342 करोड़ रुपए का है. जिसकी लंबाई 277 km है. ये मैंगलोर पोर्ट को सिकंदराबाद से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण लाइन है .

सरकार की यह परियोजनाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी के नए भारत के विजन के तहत क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने के तहत लाई गई है, जो रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर प्रदान करेंगी. उम्मीद की जा रही है कि इस फैसले से यात्रा सुविधा में सुधार होगा

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव रेल ने बताया ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार की गई हैं, जो मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देती हैं. इससे लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की गतिशीलता में सुधार होगा. इसके अलावा, ये परियोजनाएं देश के लॉजिस्टिक लागत को कम करने, तेल आयात (52 करोड़ लीटर) घटाने और CO2 उत्सर्जन (264 करोड़ किलोग्राम) को घटाने में सहायक होंगी, जो 11 करोड़ पेड़ों के लगाने के बराबर होगा.

केंदीय रेल मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के दौरान, परिवहन और रसद लागत को कम करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की गई हैं. आईआईएम बैंगलोर और आईआईएम कलकत्ता के हालिया अध्ययन से पता चलता है कि परिवहन में निवेश से देश की रसद लागत में लगभग 4% की कमी आई है. रसद लागत में हर प्रतिशत की कमी का मतलब है कि बहुत अधिक प्रतिस्पर्धी उद्योग होंगे.

हम अधिक निर्यात कर सकते हैं. हम उत्पादन लागत कम रख सकते हैं. पिछले 1 साल में परिवहन परियोजनाओं के लिए लगभग 4.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है. यह हमारे विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में हमारी बड़ी भूमिका निभाएगा.



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