Uttarkashi Tunnel Rescue: दिवाली के दिन से उत्तरकाशी की निर्माणाधीन सुरंग में कैद 41 श्रमिकों को अब बाहर निकाला जा रहा है. 17 दिन से सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने के चौतरफा अभियान में दुश्वारियां और उम्मीदें भी साथ-साथ चल रही हैं. वर्टिकल ड्रिलिंग, हॉरिजोंटल ड्रिलिंग, रैट होल माइनिंग समेत तमाम तरह के तरीकों पर काम करते हुए NDRF, SDRF की टीम मजदूरों तक पहुंच गई है. 17 दिन से की जा रही मेहनत का अब रंग लाती दिख रही है. मजदूरों के परिजन भी टनल के बाहर पहुंच गए हैं. मजदूरों को सुरंग से बाहर निकालते ही ग्रीन कोरिडोर से अस्पताल पहुंचाया जाएगा.
क्या नाराज हैं बाबा बौखनाग?
अब ये भी कहा जा रहा है कि इस हादसे के पीछे बाबा बौखनाग की नाराजगी है. स्थानीय लोगों का मानना है कि बाबा बौखनाग नाराज हैं, जिसकी वजह से यह हादसा हुआ. हादसे के कुछ दिन बाद टनल के मुहाने पर बाबा बौखनाग का मंदिर बनाया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे तमाम मजदूर और अधिकारी पहले बाबा का आशीर्वाद लेते थे, फिर टनल में प्रवेश करते थे. बता दें कि उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी बाबा को धन्यवाद कहा है. वहीं विदेशी एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने भी बाबा बौखनाग के मंदिर पर माथा टेका है.
16वें दिन सुरंग के ऊपर तो काम चलता रहा, लेकिन भीतर ब्लेड निकलने के बावजूद मशीन का हेड फंसने से मैन्युअल खोदाई का काम लटका रहा. देर शाम हेड निकलते ही रैट माइनर्स सेना की मदद से मैन्युअल ड्रिलिंग में जुट गई. जैसे-जैसे टीम मजदूरों के नजदीक पहुंच रही है वैसे-वैसे सुरंग के बाहर हलचल भी बढ़ गई है.
सुरंग में मजदूर बाहर परिवार
मंगलवार सुबह कहा गया था कि पहाड़ी की चोटी से 1.2 मीटर व्यास वाले पाइप के लिए 43 मीटर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम पूरा हो गया है. बाकी काम पूरा होने में 40-50 घंटे और लग सकते हैं. पहाड़ी की चोटी से 8 मिमी व्यास वाले पाइप के लिए 78 मीटर की वर्टिकल ड्रिलिंग भी पूरी हो गई है. पाइपलाइन में मामूली समस्या होने के कारण आगे की ड्रिलिंग अस्थायी रूप से रोक दी गई है. सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग सुचारू रूप से चल रही है. हालांकि, अब लगभग रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा हो चुका है. फंसे हुए 41 मजदूरों के परिजनों को तैयार रहने और मजदूरों के कपड़े और बैग तैयार रखने को कहा गया है. मजदूरों को रेस्क्यू कर बाहर निकालकर चिन्यालीसौड़ अस्पताल ले जाया जाएगा.
-भारत एक्सप्रेस
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