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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हमीरपुर शिक्षकों के नियमितीकरण को मंजूरी दी, प्रारंभिक अनियमितताएं खारिज

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हमीरपुर के दो शिक्षकों की अपील स्वीकार की. नियमितीकरण के बाद प्रारंभिक अनियमितता ठीक मानी जाएगी. जुझार सिंह और देवेंद्र सिंह को सेवा में बहाल रखने का आदेश.

allahabad high court
Vijay Ram Edited by Vijay Ram

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि जब कोई अभ्यर्थी नियमित पद पर नियुक्त हो जाता है तो प्रारंभिक दौर में हुई कोई भी अनियमितता ठीक कर ली गई मानी जाएगी. अस्वीकृत पदों पर नियुक्तियों के कारण बाद में बर्खास्तगी के मामले में न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति डॉ. योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव की पीठ ने यह टिप्पणी की है. कहा कि अपीलकर्ता दोषी नहीं थे, भले ही उनकी प्रारंभिक नियुक्तियों में अनियमितता थी.

पीएनवी इंटर कॉलेज, चिल्ली (मुस्करा), हमीरपुर में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त जुझार सिंह व देवेंद्र सिंह अपीलकर्ता-याचिकाकर्ताओं की स्पेशल अपील स्वीकार करते हुए कोर्ट ने यह बात कही है. उन्हें क्रमशः 1987 और 1989 में तदर्थ आधार पर सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त किया गया था लेकिन 1989 में इस आधार पर बर्खास्त कर दिया गया कि जिन पदों पर उन्हें नियुक्त किया गया था, वे स्वीकृत नहीं थे.

हाईकोर्ट की शरण लेने पर बर्खास्तगी को स्थगित रखते हुए अंतरिम आदेश पारित किया गया. इसके बाद वर्ष 2006 में, याचिकाकर्ताओं को मूल पदों के विरुद्ध समाहित कर लिया गया. रिट याचिका को 2010 में खारिज कर दिया गया क्योंकि समुचित पैरवी नहीं की गई. वर्ष 2017 में जिला विद्यालय निरीक्षक ने कॉलेज के प्रबंधन/प्रधानाचार्य से याचिकाकर्ताओं को दिए जा रहे वेतन का आधार स्पष्ट करने को कहा.

प्राचार्य को भेजे गए इस नोटिस को उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई, जहां इस पर रोक लगा दी गई. याचिकाकर्ताओं से रिट याचिका वापस लेने को कहा गया, ताकि उन्हें नियमित करने पर विचार किया जा सके. याचीगण ने याचिका वापस लेने के बाद अन्य कार्रवाई शुरू की तो उन्हें काम करने से रोक दिया गया. प्रतिवादियों की इस कार्रवाई के खिलाफ फिर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया, लेकिन एकल न्यायाधीश ने रिट याचिका खारिज कर दी. इस आदेश के खिलाफ विशेष याचिका दायर की. न्यायालय ने माना कि अपीलकर्ता नियमित थे और सेवानिवृत्त होने तक काम करते रहे थे, जिसका अर्थ है कि वे निरंतर सेवा में थे.



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