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दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के रखरखाव पर जताई चिंता, एजेंसियों से ठोस कदम उठाने को कहा

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए सभी एजेंसियों से प्रयास करने की जरूरत है, अदालत ने कहा कि चांदनी चौक ऐतिहासिक और व्यावसायिक स्थान के रूप में अपना चरित्र न खोए.

delhi high court

दिल्ली हाईकोर्ट.

दिल्ली हाईकोर्ट ने चांदनी चौक शहर का गौरव है और इसके रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए सभी एजेंसियों से प्रयास करने की जरूरत है. अदालत ने पीठ ने इसे हमारी विरासत कहते हुए चांदनी चौक की मूल अवधारणा की रक्षा करने पर जोर दिया और कहा कि सभी हितधारकों को एजेंसियों पर निर्भर रहने के बजाय एक साथ आना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश डी के उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने इस क्षेत्र के पुनर्विकास के बाद भी एजेंसियों की ओर से खराब रखरखाव और लापरवाही को रेखांकित किया. पीठ ने कहा इस मुद्दे को गंभीरता से लें. यह दिल्ली का गौरव है.

अदालत ने समिति गठन का दिया सुझाव

पीठ ने कहा कि चांदनी चौक ऐतिहासिक और व्यावसायिक स्थान के रूप में अपना चरित्र न खोए, इसके लिए सभी अधिकारियों का तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. अदालत ने रोडमैप तैयार करने के लिए नगर प्रशासन के उच्चतम अधिकारियों की एक समिति गठित करने का प्रस्ताव दिया और कहा कि रखरखाव की देखरेख करने वाली मौजूदा समिति ठीक से काम नहीं कर रही है. पीठ ने कहा वर्तमान समिति ठीक से काम नहीं करती दिख रही है. केवल बैठकें आयोजित करना और अपने निर्णयों को लागू न करना शायद पर्याप्त नहीं होगा. हमें न केवल दुकानदारों के अस्तित्व को सुरक्षित रखना है, बल्कि चांदनी चौक की अवधारणा को भी सुरक्षित रखना है.

अदालत ने कहा संबंधित नगर निगम, दिल्ली पुलिस, पीडब्ल्यूडी, यातायात पुलिस, स्थानीय नागरिक प्रशासन, दिल्ली के शहरी विकास विभाग और शाहजहानाबाद पुनर्विकास निगम और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता है. पीठ ने यह आदेश चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल की जनहित याचिका पर दिया, जिसमें लाल किला रोड से फतेहपुरी मस्जिद तक चांदनी चौक पुनर्विकास परियोजना के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र और मेट्रो स्टेशनों सहित इसके आसपास के क्षेत्रों में अत्यधिक उपेक्षित, परेशान करने वाली और दयनीय स्थिति का दावा किया गया था.

दुकानदारों से भी भागीदारी की अपील

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता संजीव रल्ली ने कहा कि पुनर्विकास के बावजूद, अधिकारियों की ओर से उपेक्षा और ध्यान न दिए जाने के कारण क्षेत्र में अव्यवस्था फैल गई है. पीठ ने सुझाव दिया कि दुकानदारों को स्वयं भाग लेना चाहिए और क्षेत्र के रखरखाव में स्वेच्छा से काम करना चाहिए. पीठ ने कहा कि चांदनी चौक का व्यावसायिक महत्व है और यह दुनिया भर से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है.

दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि अधिकारी क्षेत्र का रखरखाव कर रहे हैं, लेकिन इसके लिए समुदाय आधारित प्रयास की आवश्यकता है. अदालत ने मामले में दिल्ली हिंदुस्तानी मर्केंटाइल एसोसिएशन को पक्षकार बनाया और सभी पक्षों से उच्च स्तरीय समिति के गठन पर अपना पक्ष रखने को कहा. चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल ने जनहित याचिका में अन्य मुद्दों के अलावा बुनियादी ढांचे को नुकसान, रखरखाव और स्वच्छता की कमी, बेघर, आवारा, नशेड़ी और आवारा पशुओं द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर कब्जा जैसी समस्याओं को उठाया है.


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-भारत एक्सप्रेस



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