
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि क्या कोई ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सॉफ्टवेयर है, जिसका इस्तेमाल ऐसे लापता लोगों के ठिकाने की जांच के लिए किया जा सकता है जो चिकित्सा स्थितियों सहित कई कारणों से लापता हो गए है. जस्टिस प्रतिबा मनिंदर सिंह एवं जस्टिस धर्मेश शर्मा की पीठ ने पुलिस को इस संबंध में एक संक्षिप्त दाखिल करने का निर्देश दिया है.
कोर्ट 18 मार्च को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा. कोर्ट ने यह निर्देश एक बेटे की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया, जिसने कहा था कि उसके बुजुर्ग पिता 17 फरवरी 2023 से लापता है. उनको पेश करने का पुलिस को निर्देश दिया जाए. पुलिस ने 17 फरवरी की स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर कहा था कि उसने सभी जगह खोजा, लेकिन उनके पिता का सुराग नहीं मिला. जबकि प्रक्रियाओं का पालन करते हुए बुजुर्ग का तस्वीरें भी जिपनेट पर अपलोड किया गया था.
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार एक संक्षिप्त हलफनामा पेश करे, जिसमें बताया जाए कि क्या कोई ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल दिल्ली पुलिस ऐसे लापता लोगों के ठिकाने का पता लगाने के लिए कर सकती है. इसपर दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील ने कोर्ट को बताया कि अपराध शाखा के पास आमतौर पर ऐसा सॉफ्टवेयर होता है.
अदालत ने निर्देश दिया कि ऐसे मामले में लापता व्यक्ति का पता लगाने का प्रयास किया जाए. पुलिस की अपराध शाखा के माध्यम से आगे की स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जाए.
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-भारत एक्सप्रेस
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