अवैध खनन मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कथित आरोपी सोनीपत से कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेंद्र पंवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की दलीलों को खारिज करते हुए पंवार की गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है.
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा कि एजेंसी एक व्यक्ति को बयान देने पर मजबूर कर रही थी और यह काफी चुकाने वाला है. कोर्ट ने लगातार 15 घंटे पूछताछ करने को कठोर और अमानवीय बर्ताव बताया है.
अवैध थी सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी
कोर्ट ने पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट के उस फैसले को सही ठहराया है, जिसके तहत कहा गया था कि सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी अवैध थी. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ कर दिया है कि हाई कोर्ट और खुद द्वारा की गई टिप्पणियां केवल जमानत देने के मुद्दे पर थी, न कि मामले की योग्यता पर. पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि ईडी ने पंवार को नोटिस जारी किया था.
20 जुलाई को गुरुग्राम से हुई थी गिरफ्तारी
वह सुबह 11 बजे गुड़गांव में ईडी के ऑफिस में पेश हुआ और उससे लगातार 1.40 बजे तक 14 घंटे और 50 मिनट तक पूछताछ की गई. यह एक इंसान की गरिमा के खिलाफ है. सुरेंद्र पंवार तीन महीने जेल में रहने के बाद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बाहर आए थे. पंवार को ईडी ने 20 जुलाई को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया था.
अंबाला जेल में पेश होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया था. हाई कोर्ट के आदेश के बाद 25 सितंबर 2024 को सुरेंद्र पंवार जेल से रिहा हुए थे. इस आदेश को ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुरेंद्र पंवार जेल से रिहा होने के बाद कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधानसभा का चुनाव लड़े थे, हालांकि वो विधानसभा चुनाव हार गए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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