
कपिल मिश्रा. (फाइल फोटो: IANS)
दिल्ली दंगे से संबंधित मामले में कानून मंत्री कपिल मिश्रा को सेंशन कोर्ट से मिली राहत को राऊज एवेन्यु कोर्ट ने बरकरार रखा है. राऊज एवेन्यु कोर्ट के विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की कोर्ट 26 मई को इस मामले में अगली सुनवाई करेगी. कोर्ट ने आगे के जांच का आदेश दिया है. कपिल मिश्रा ने मजिस्ट्रेट के आदेश को सत्र न्यायालय में चुनौती दी है.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने ने उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई तक आगे की जांच पर रोक लगा दिया था. कोर्ट ने आगे की जांच के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर भी सुनवाई कर रहा हैं.
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) वैभव चौरसिया ने 1 अप्रैल को कहा था कि प्रथम दृष्टया यह एक संज्ञेय अपराध है जिसकी जांच की जानी चाहिए. यह स्पष्ट है कि मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में ही थे. इसलिए आगे की जांच की आवश्यकता है. उसने यह निर्देश यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास की शिकायत पर दिया था, जिसमें मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई थी.
पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने का किया विरोध
पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि मिश्रा की दंगे में कोई भूमिका नहीं थी. वहीं दूसरी ओर मिश्रा ने एसीजेएम के समक्ष आरोप तय होने पर बहस के दौरान कहा था कि उन्होंने एक्स हैंडल पर किए गए पोस्ट के जरिए केवल प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों को निशाना बना रहे थे, किसी समुदाय को नहीं.
उनपर दंगे के दौरान समूहों के बीच दुश्मनी को बढावा देने को लेकर पोस्ट करने का आरोप है. उनके वकील ने यह यह दलील मंगलवार को एसीजेएम की अदालत में दी थी. निर्वाचन अधिकारी की शिकायत के आधार पर मिश्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अदालत ने इससे पहले जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (चुनाव के सिलसिले में विभिन्न वगरे के बीच दुश्मनी को बढावा देना) के तहत अपराध का संज्ञान लिया था.
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-भारत एक्सप्रेस
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