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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से मामूली राहत

लखीमपुर खीरी हिंसा केस में सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को सीमित पारिवारिक मुलाकात की अनुमति दी, लेकिन सार्वजनिक और राजनीतिक गतिविधियों पर रोक बरकरार रहेगी.

Lakhimpur Kheri Violence Case
Edited by Akansha

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को सुप्रीम कोर्ट से मामूली राहत मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद मामूली राहत देते हुए यह भी साफ कर दिया है कि सार्वजनिक और राजनीतिक गतिविधियों पर लगी रोक जारी रहेगी. जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने आशीष मिश्रा को हर शनिवार शाम को इस शर्त पर परिवार से मिलने की अनुमति दे दी है कि वह रविवार शाम को लखनऊ वापस लौट आएंगे.

यात्रा केवल परिवार के सदस्यों के लिए निजी होगी- कोर्ट

कोर्ट ने यह भी कहा कि यह यात्रा केवल परिवार के सदस्यों के लिए निजी होगी. मामले की सुनवाई के दौरान आशीष मिश्रा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने कहा कि उन्होंने चार साल से अपनी बेटियों को नहीं देखा है. उन्हें हर महीने कम से कम 10-12 दिन अपने परिवार के साथ समय बिताने की अनुमति दी जानी चाहिए. कोर्ट ने आशीष मिश्रा को इस शर्त के साथ अंतरिम जमानत दे दिया था कि आशीष मिश्रा को अपनी रिहाई के एक सप्ताह के भीतर उतर प्रदेश छोड़ना होगा. वह यूपी या दिल्ली/एनसीआर में नहीं रह सकते.

मिश्रा को सरेंडर करना होगा अपना पासपोर्ट

अदालत ने कहा कि मिश्रा को अपना पासपोर्ट सरेंडर करना होगा. मुकदमे की कार्यवाही में शामिल होने के अलावा वह यूपी में प्रवेश नहीं करेंगे. मामले की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि अब तक 208 गवाहों में से 16 की गवाही हो चुकी है. दूसरी ओर पीड़ित परिवारों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने की मांग की है. जिसपर कोर्ट सुनवाई कर रहा है.

कोर्ट ने आशीष मिश्रा के वकील से पूछा ये सवाल

पिछली सुनवाई में आशीष मिश्रा की ओर से पेश वकील ने कहा था कि तस्वीरों में आशीष मिश्रा नहीं है. कोर्ट ने आशीष मिश्रा के वकील से पूछा था कि आप अपनी बात हलफनामे पर क्यों नही कहते? जिसपर आशीष मिश्रा के वकील ने कहा था कि हर बार हमारे खिलाफ कोई न कोई अर्जी दाखिल कर दी जाती है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने आशीष मिश्रा की ओर से पेश वकील से कहा था कि जमानत शर्तो का सख्ती से पालन करना होगा.

कोर्ट ने जमानत की शर्तों का पालन करने का दिया था निर्देश

वहीं पीड़ितों की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को मिश्रा को जमानत दी थी. साथ ही जमानत की शर्तों का पालन करने का निर्देश दिया था और उन्हें तय तारीख से केवल एक दिन पहले अपने मुकदमे के स्थान पर जाने की अनुमति दी थी. लेकिन वह एक अक्टूबर को (लखीमपुर खीरी) ऐसे गए जैसे दो अक्टूबर को राष्ट्रीय अवकाश वाले दिन सुनवाई हो. जबकि अगले दिन अदालत बंद थी और उन्होंने एक अक्टूबर को एक विशाल सार्वजनिक रैली को संबोधित किया.

जमानत देते समय मिश्रा पर लगाई कई शर्ते

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते समय आशीष मिश्रा पर कई शर्ते लगा रखा है. आशीष मिश्रा को रिहाई से एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ना होगा. वह यूपी, दिल्ली या दिल्ली एनसीआर में नही रह सकते हैं. उन्हें अदालत को अपने स्थान के बारे में सूचित करना होगा, कोर्ट ने पासपोर्ट सरेंडर करने, गवाहों को प्रभावित ना करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ नही करने का आदेश दिया था.

-भारत एक्सप्रेस 


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