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Manipur violence: मुख्यमंत्री के कथित ऑडियो टेप में हिंसा भड़काने और हथियार लूटने का दावा, सुप्रीम कोर्ट ने जांच का दिया आदेश

मणिपुर के मुख्यमंत्री का एक ऑडियो टेप सामने आया है, जिसमें वह यह दावा करते हुए सुने जा सकते हैं कि उन्होंने ही राज्य में हिंसा भड़काई, हथियारों को लूटने दिया और हिंसा में शामिल लोगों को संरक्षण दिया.

मणिपुर हिंसा मामला

Manipur violence: मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील प्रशांत भूषण ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि मणिपुर के मुख्यमंत्री का एक ऑडियो टेप सामने आया है, जिसमें वह यह दावा करते हुए सुने जा सकते हैं कि उन्होंने ही राज्य में हिंसा भड़काई, हथियारों को लूटने दिया और हिंसा में शामिल लोगों को संरक्षण दिया.

सुप्रीम कोर्ट इस टेप की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए सहमत हो गया. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने प्रशांत भूषण को इस टेप को सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में जमा करने को कहा है. वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रशांत भूषण के इस दावे पर आपत्ति जताते हुए कहा, “न्यायाधीश हाथी दांत के महलों में रह रहे हैं.”

इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल को जवाब देते हुए कहा, “बिल्कुल नहीं, हम चीजों को दबाने के किसी भी प्रयास की सराहना नहीं करते. हम मणिपुर की स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं.”

यह याचिका कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट द्वारा दायर की गई है, जिसमें मुख्यमंत्री के ऑडियो को चिंताजनक बताया गया है. प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि इस ऑडियो क्लिप को जस्टिस लांबा आयोग को सौंपा गया था, जो मणिपुर हिंसा की जांच कर रहा है. लेकिन चार महीने बीतने के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

मणिपुर सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले हाई कोर्ट में जाना चाहिए. इस पर प्रशांत भूषण ने कहा कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा को लेकर कमिटी का गठन किया है, इसलिए इस विशेष याचिका पर सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई करनी चाहिए.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर इस याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट करता है तो हाई कोर्ट की गरिमा कम होगी. प्रशांत भूषण ने जवाब दिया कि फॉरेंसिक लैब के जरिये ऑडियो की सत्यता की जांच कराई जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि स्रोत का खुलासा नहीं किया जा सकता, क्योंकि उससे जुड़े व्यक्ति की जान को खतरा है. सॉलिसिटर जनरल ने आरोप लगाया कि प्रशांत भूषण मणिपुर हिंसा की आग को जलाए रखना चाहते हैं.

-भारत एक्सप्रेस

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