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मेधा पाटकर को साकेत कोर्ट से मिली सशर्त जमानत, 23 साल पुराने मानहानि केस में हुई थी गिरफ्तारी

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को 23 साल पुराने मानहानि मामले में साकेत कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है. कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद उन्हें रिहा करने का आदेश दिया.

Saket court

साकेत कोर्ट.

नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को साकेत कोर्ट से राहत मिल गई है. कोर्ट ने मेधा पाटकर को सशर्त जमानत दे दिया है. साकेत कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना द्वारा दायर मानहानि के मामले में मेधा पाटकर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था. जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर साकेत कोर्ट में पेश किया गया.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विपिन खरब के समक्ष पेश हुए मेधा पाटकर के वकील ने कहा, मैं केवल रिहा किए जाने का अनुरोध करता हूं, ताकि मैं प्रोबेशन बॉन्ड भरने की शर्तों को पूरा कर सकूं. जिसके बाद कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है.

कोर्ट ने मेधा पाटकर के खिलाफ 23 अप्रैल को गैर जमानती वारंट जारी किया था. दूसरी ओर दोषसिद्धि के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में दायर अपील को मेधा पाटकर ने वापस ले लिया है. पाटकर के वकील की प्रार्थना के अनुसार.नई याचिका दायर करने की स्वतंत्रता के साथ याचिका को वापस ले लिया. पाटनर ने मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ उनकी अपील खारिज करने वाले 02 अप्रैल को पारित ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी.

बता दें कि यह मामला 23 साल पुराना मामला है. मेधा पाटकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर वीके सक्सेना पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. वीके सक्सेना ने आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था. उसी मामले में आठ अप्रैल 2025 को 70 वर्षीय मेधा पाटकर को दोषी ठहराया गया था. एक लाख का जुर्माना कोर्ट ने लगाया था.

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-भारत एक्सप्रेस 



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