
अवैध बोरवेल के जरिए भूजल दोहन के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने सख्त रुख अख्तियार किया है. दिल्ली में 19 जगहों पर हो रहे भूजल दोहन के मामले में एनजीटी ने दिल्ली जल बोर्ड को आदेश दिया है कि वह आरोपों की जांच कर पता लगाए की जो आरोप लग रहे है, वह सही है या नहीं.
एनजीटी ने अपने आदेश में कही ये बात
एनजीटी ने अपने आदेश कहा है कि अगर आरोप सही पाया जाता है तो बोरवोल को सील कर उसको जब्त करने की कार्रवाई शुरू की जाए. एनजीटी के अध्यक्ष जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने दिल्ली जल बोर्ड और संबंधित एसडीएस को तीन महीने में रिपोर्ट देने को कहा है. हाल ही में अवैध बोरवेल को लेकर दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से राजस्व के 11 जिलों को लेकर एनजीटी में रिपोर्ट सौंप दी थी.
सभी जिलों में कुल 20297 अवैध बोरवेल
जल विभाग ने पाया था कि सभी जिलों में कुल 20297 अवैध बोरवेल है. इनमें से संबंधित जिलाधिकारी ने 15962 बोरवेल को सील कर दिया था. एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान एनजीटी ने चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि जल निकासी को नहीं रोका गया, तो दिल्ली को दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग जैसी गंभीर स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, जहां कुछ वर्ष पूर्व पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ा था.
दिल्ली-NCR सहित कई राज्यों में पहुंचा भूजल दोहन खतरनाक स्तर
बता दें कि दिल्ली एनसीआर सहित कई राज्यों में भूजल दोहन खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है. इसी को देखते हुए मई में शाहदरा जिला प्रशासन ने भूजल का दोहन करने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर एक सप्ताह में 100 बोरवेल को सील करने का लक्ष्य रखा था. इसकी शुरुआत मानसरोवर पार्क में घरों में अवैध रूप से लगे बोरवेल सील कर दिए और जुर्माना भी लगाया था.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.