Bharat Express DD Free Dish

राहुल गांधी के वकील बोले– एजेएल कांग्रेस की विरासत, मुनाफा नहीं बल्कि पुनर्जीवन मकसद

नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी के वकील आर एस चीमा ने अदालत में कहा कि एजेएल कांग्रेस की ऐतिहासिक विरासत है, जिसे दोबारा खड़ा करने की कोशिश की जा रही है. ईडी के आरोपों को झूठा और बेबुनियाद बताया.

Rahul Gandhi

राहुल गांधी. (फाइल फोटो)

नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आर एस चीमा ने अपनी दलीले पूरी कर ली है. वरिष्ठ वकील चीमा ने कहा कि कांग्रेस एजेएल बेचने की नही बचाने की कोशिश की है. विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने की बेंच मामले में सुनवाई कर रही है. चीमा ने कहा कि एजेएल कांग्रेस की विरासत है. उन्होंने कहा कि पैसा कहां गया, इसका पूरा ब्यौरा दिया गया है और जो भी लेनदेन हुआ है वह सब यंग इंडियन तक सीमित है.

उन्होंने यह भी कहा कि अगर एजेएल को कोई लाभ होता है तो उसका फायदा यंग इंडियन को ही होगा, किसी व्यक्ति विशेष को नही होगा. चीमा ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि लगाए गए आरोप झूठा और वेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि बार-बार कहा गया है एजेएल को यह मिला है, वह मिला है, लेकिन किसको कितनी राशि मिली है, इसका उल्लेख कभी नही किया गया.

आरोप झूठे और वेबुनियाद – वकील चीमा

राहुल गांधी के वकील चीमा ने कहा कि एजेएल सिर्फ अखबार नही, बल्कि देश की आजादी की लड़ाई से जुड़ी एक विरासत है, जिसे दोबारा खड़ा करना जरूरी था. उन्होंने कहा कि ये कंपनी कोई मुनाफा कमाने वाली कंपनी नही है. उन्होंने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू, रफी अहमद किदवई सहित कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने मिलकर शुरू किया. इस कंपनी को शुरू करने का.मुख्य उद्देश्य कांग्रेस की नीतियों को घर-घर पहुचाना था.

एजेएल ने कभी मुनाफा नही कमाया. आजादी के बाद भी यह कभी व्यावसायिक संस्था नहीं रही. कांग्रेस उस संस्था को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही थी, जो स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि समस्या लोन की वसूली नही थी, समस्या उसे दोबारा खड़ा करने की थी. कांग्रेस को बिक्री से कोई लाभ नही चाहिए है. यह ईडी की अपनी नजरिया है.

यंग इंडियन ने संपत्ति अपने नाम की: ED के आरोप

ईडी का आरोप है कि गांधी परिवार के पास यंग इंडियन में 76 % हिस्सेदारी थी, जिसने 90 करोड़ रुपये के कर्ज के बदले एजेएल की संपत्ति अपने नाम कर लिया. इससे पहले सोनिया गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि यह मामला मनी लॉन्ड्रिंग के तहत नही बनता है. उन्होंने कहा था कि ईडी की चार्जशीट कयासों और काल्पनिक स्थितियों पर आधारित है. यह महज एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) के स्वामित्व का मामला है.

उन्होंने कहा था कि मान लीजिए कि यंग इंडियन एजेएल की सौ प्रतिशत मालिक हैं, तो भी यह पूरी तरह से एक स्वामित्व का मामला है, यह मनी लॉन्ड्रिंग कैसे हो गया. उन्होंने कहा था कि यह संस्था 65 वर्षों से अधिक समय से काम कर रही हैं. इतने लंबे समय के बाद इसे मनी लॉन्ड्रिंग का मामला नहीं कहा जा सकता है.

ये भी पढ़ें: दिल्ली हाईकोर्ट ने रक्षा मंत्रालय की 300 याचिकाएं खारिज कीं, सैनिकों की विकलांगता पेंशन को बताया उनका अधिकार

-भारत एक्सप्रेस 



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read

Latest