Bharat Express

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से दो सप्ताह में लिखित जवाब मांगा, इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर को लेकर भूमि विवाद लंबे समय से जारी है. उत्तर प्रदेश में अयोध्या की राम जन्मभूमि मंदिर के तर्ज पर ही मथुरा में भी अलग और भव्य मंदिर बनाने की मांग हो रही है.

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को लिखित जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस पहलू पर जवाब मांगा है कि क्या हाई कोर्ट के फैसले पर अपील हाई कोर्ट में ही हो सकती है? मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना था.

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ मामले में सुनवाई कर रही है. बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत में लंबित कुल 18 मुकदमों को सुनवाई के लिए अपने पास ट्रांसफर किए जाने के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की ओर से चुनौती दी गई है. 1 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन याचिकाओं को सुनवाई योग्य माना था. पिछली सुनवाई में निचली अदालत से हाई कोर्ट ट्रांसफर किए जाने पर रोक लगाने की मुस्लिम पक्ष की मांग को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया था.

हिंदू पक्ष की कैविएट दाखिल

मथुरा कृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह विवाद पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट में दूसरी कैविएट दाखिल की है. इससे पहले राष्ट्रीय हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने श्री कृष्ण जन्मभूमि मथुरा मामले में सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की थी. विष्णु शंकर जैन और विष्णु गुप्ता द्वारा दायर कैविएट में कहा गया है कि अगर शाही ईदगाह कमेटी या कोई और याचिका इलाहाबाद हाईकोर्ट के 18 याचिकाओं के सुनवाई योग्य होने और उन पर एक साथ सुनवाई के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आती है, तो अदालत बिना पक्ष सुने कोई आदेश न जारी करे. इसके साथ ही उनका पक्ष भी सुना जाए.

इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक

इसके अलावा, कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा 14 दिसंबर 2023 को शाही ईदगाह मस्जिद कॉम्प्लेक्स का सर्वे करने के आदेश पर रोक लगा रखा है. हाई कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किए जाने पर भी रोक लगा दिया था. मामले से जुड़े हिंदू पक्षकारों की दलील है कि मस्जिद परिसर में कई ऐसे चिन्ह मौजूद हैं, जो प्रामाणिक साबित करते हैं कि इतिहास में यह मंदिर था.

गौरतलब है कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर को लेकर भूमि विवाद लंबे समय से जारी है. उत्तर प्रदेश में अयोध्या की राम जन्मभूमि मंदिर के तर्ज पर ही मथुरा में भी अलग और भव्य मंदिर बनाने की मांग हो रही है.


ये भी पढ़ें- शारदा सिन्हा के बेटे से पीएम ने फोन पर की बात, बोले- संयम रखें छठी मैया सब ठीक करेंगी


-भारत एक्सप्रेस

Also Read