
JEE Advanced 2025 परीक्षा में शामिल होने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह नीतिगत मामला है और कोर्ट को शिक्षा के मामलों में कम हस्तक्षेप करना चाहिए.
2023 में 12वीं की परीक्षा पास करने वाले 18 छात्रों ने याचिका में कहा है कि वे 2025 में संयुक्त प्रवेश परीक्षा मुख्य में अंतिम प्रयास के लिए उपस्थित होने के पात्र थे, लेकिन उन्हें JEE-एडवांस में बैठने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जो परीक्षा 18 मई को आयोजित होने वाली है. याचिका में JEE-एडवांस में छात्रों को 3 मौके देने का आदेश देने की मांग की थी.
JEE-Advanced में तीसरा मौका देने की अपील
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शादान फरासत ने कोर्ट को बताया था कि JEE- मेन्स और एडवांस्ड में प्रयासों की संख्या में एकरूपता नही होने के चलते याचिकाकर्ताओं को 2024 और 2025 में 12वीं पास करने वाले छात्रों की तुलना में आईआईटी में प्रवेश सुरक्षित करने के.समान अवसर से वंचित करता है. दाखिल याचिका में कहा गया था कि आईआईटी में प्रवेश दो चरणों में होता है. पहला चरण JEE- मेन्स और उसके बाद JEE एडवांस के जरिए दाखिला मिलता है.
याचिका में कहा गया था कि JEE-मेन्स साल में दो बार होता है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता जेएबी द्वारा JEE एडवांस्ड 2025 के लिए पात्रता मानदंड में अचानक और मनमाने ढंग से किए गए बदलाव से व्यवस्थित हैं.
जेएबी ने पिछले साल 5 नवंबर को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि वर्ष 2023 से 2025 तक कक्षा 12 वी की परीक्षा देने वाले JEE एडवांस्ड के लिए उपस्थित हो सकते है. इसके बाद 18 नवंबर को फिर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी. इसमें कहा गया है कि सिर्फ 2024 और 2025 में बारहवीं पास करने वाले छात्र ही इस परीक्षा के लिए पात्र होंगे.
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-भारत एक्सप्रेस
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